शिक्षा व नौकरियों में मराठाओं को मिलेगा 10 फीसद आरक्षण
राज्य विधानसभा में बिल को मिली मंजूरी
* आरक्षण की अधिकतम सीमा पहुंची 62 फीसद पर
* जरांगे ने सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के टिकने पर जताया संदेह
मुंबई/दि.20 – महाराष्ट्र विधानसभा में आज मराठाओं को शिक्षा एवं सरकारी नौकरी में 10 फीसद आरक्षण देने से संबंधितबिल को मंजूरी मिल गई. मराठा आरक्षण को लेकर आज विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था. वहीं बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले इसे कैबिनेट से इसे हरी झंडी मिली थी. इस बिल के पारित हो जाने के साथ ही अब राज्य में आरक्षण की अधिकतम सीमा 62 फीसद हो जाएगी. क्योंकि मराठा आरक्षण बिल पारित होने से मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण मिलेगा. जबकि राज्य में पहले से ही 52 फीसद आरक्षण है. ऐसे में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसद से अधिक हो जाने के चलते इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ज्ञात रहे कि, सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में भी मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया था, क्योंकि महाराष्ट्र में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसद से ऊपर हो गई थी.
वहीं दूसरी ओर इस बिल को लेकर मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि इसमें मराठाओं की मांग को पूरा नहीं किया गया है. बल्कि इस बिल की वजह से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के ऊपर हो जाएगी, तो सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर देगा. ऐसे में हमें इस तरह का आरक्षण चाहिए, जो ओबीसी कोटे से हो और 50 प्रतिशत के नीचे रहे. साथ ही जरांगे ने यह भी कहा कि, यदि मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं मिला, तो उनका आंदोलन और भी तेज होगा. साथ ही वे यह भी देखेंगे कि, विधानमंडल के विशेष सत्र में उनकी मांगों पर विचार हो रहा है या नहीं.
बता दें कि, मराठाओं का आरक्षण बढ़ाने की पहल महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर की गई थी. आयोग ने 16 फरवरी को मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर आधारित सर्वे रिपोर्ट शिंदे सरकार को सौंपी थी. इसमें बताया गया कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा है. सर्वे में बताया गया कि राज्य में आत्महत्या करने वाले 94 फीसद किसान मराठा समुदाय के थे. माध्यमिक और उच्च शिक्षा में मराठा समुदाय का प्रतिशत कम है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सरकारी नौकरियों में मराठाओं की संख्या कम है. इस सर्वे में 2.5 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया था. रिपोर्ट पर सीएम शिंदे के कार्यालय की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया था कि सर्वे के निष्कर्षों पर राज्य कैबिनेट की बैठक में 20 फरवरी को चर्चा की जाएगी. जिसके चलते आज 20 फरवरी को इस मसले के संदर्भ में चर्चा एवं विचार विमर्श करते हुए निर्णय लेने हेतु विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था. जिसमें मराठा समाज को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने को मंजूरी दी गई.