अन्य शहरदेश दुनियामहाराष्ट्रमुख्य समाचार

मराठी भाषा को मिला अभिजात दर्जा

मराठी भाषा को मिला अभिजात दर्जा

* केंद्र से जारी हुआ उम्मीद के अनुरुप शासनादेश
नई दिल्ली./दि. 8 – मराठी भाषा को अभिजात दर्जा प्राप्त होने का स्वप्न आखिरकार आज पूरा हुआ. जब दिल्ली से केंद्र सरकार द्वारा मराठी भाषा को अभिजात दर्जा देने के संदर्भ में शासन आदेश जारी किया गया. केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री गजेंद्र शेखावत ने महाराष्ट्र के मराठी भाषा विभाग के मंत्री उदय सामंत को खुद अपने हाथों से इस आदेश की प्रतिलिपी सौंपी. यह आदेश उम्मीद के अनुरुप रहने के चलते समूचे महाराष्ट्र में इस आदेश का स्वागत किया जा रहा है.
बता दें कि, मराठी भाषा को अभिजात दर्जा प्राप्त होने के बाद इससे संबंधित अधिसूचना तत्काल जारी हो, इस हेतु महाराष्ट्र के मराठी भाषा विभाग के मंत्री उदय सामंत खुद दिल्ली गए थे. जिन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत से सदानंद मोरे व ज्ञानेश्वर मुले के साथ मुलाकात करते हुए बैठक की. तथा मराठी भाषा को अभिजात दर्जा देने के संदर्भ में अधिसूचना व शासनादेश जारी करने का निवेदन किया. जिसके उपरांत केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने मराठी भाषा को अभिजात दर्जा दिए जाने से संबंधित अधिसूचना मंत्री उदय सामंत के जरिए महाराष्ट्र सरकार के सुपूर्द किया. इस समय मंत्री उदय सामंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि, आगामी 8 से 15 दिनों के दौरान आवश्यक प्रस्ताव पेश किए जाएंगे. साथ ही मराठी भाषा के जतन व संवर्धन हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास भी किए जाएंगे.


* राज्य की सभी शालाओं में मराठी पढाना अनिवार्य
– शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने दी जानकारी
जहां एक ओर केंद्र सरकार द्वारा मराठी भाषा को अभिजात दर्जा दिए जाने के संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई है. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य की सभी शालाओं में मराठी भाषा को पढाया जाना अनिवार्य किया गया है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए राज्य के शालेय शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि, विगत कुछ वर्षों से अंग्रेजी माध्यम सहित विविध बोर्ड की शालाओं द्वारा मराठी भाषा पढाने में टालमटोल की जा रही थी. लेकिन अब ऐसा करनेवाली शालाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि, अब महाराष्ट्र की सभी माध्यम व बोर्ड से वास्ता रखनेवाली शालाओं में मराठी भाषा को पढाया जाना अनिवार्य किया गया है. साथ ही मराठी भाषा के अध्यापन को और अधिक व्यापक करने हेतु सभी शालाओं के शिक्षकों को मराठी भाषा का ज्ञान रहना भी आवश्यक किया गया है. इसके साथ ही शालेय शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने यह भी कहा कि, आगामी 8 दिनों के भितर शालेय शिक्षा विभाग की नीतियों का रोडमैप सामने लाया जाएगा तथा शालेय शिक्षा विकास का 10 सूत्रीय कार्यक्रम घोषित करते हुए उस पर कडाई के साथ अमल भी किया जाएगा.

Back to top button