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संभाजी नगर/ दि. 11- मराठी ग्रामीण साहित्य में प्रचुर लेखन करनेवाले वरिष्ठ साहित्यकार रावसाहब रंगराव बोराडे (84) का आज यहां एमजीएम अस्पताल में निधन हो गया. 55 बरस पहले प्रकाशित उपन्यास पाचोला से वे चर्चा में आए थे. उन्हें राज्य सरकार का विंदा करंदीकर जीवन गौरव पुरस्कार पिछले सप्ताह घोषित हुआ था. रा. र. बोराडे के नाम से मशहूर साहित्यकार ने 1989 के हिंगोली में मराठवाडा साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता की थी.
उनकी अनेक कृतियां चर्चित और सराही गई. उनमें पेरणी से तालमेल, मलणी, वालवण, राखन, गोधल, मालरान, बोलवण, वरात, फजितवाडा, खोलंबा, बुरूज, नातीगोती, हेलकावे, कणसं और कडबाव जैसे कथा संग्रहो ने मराठवाडा श्रमिकों के कष्ट को दूर करने हेतु आवाज उठाई. उन्हें साहित्य क्षेत्र के विविध पुरस्कारों से गौरवान्वित किया गया. उनके निधन के कारण ग्रामीण जीवन की बदलती समाज व्यवस्था और उससे निर्माण हुए रिश्ते संबंधों के नये आयाम रखने वाले साहित्य की रचना उन्होंने की.