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राज्य में 150 से अधिक कैदियों की होगी जेल से रिहाई

संविधान दिन के अवसर पर कच्चे कैदियों को मिलेगी राहत

मुंबई /दि.4- राज्य के 60 कारागारों में इस समय लगभग 39 हजार 800 कैदी बंदिस्त है. जिनमें से कई कैदी गरीब व असहाय रहने के चलते जमानत ले पाने में असमर्थ रहते है. ऐसे कैदियों को राहत देने हेतु संविधान दिवस के उपलक्ष्य में कुछ कच्चे कैदियों की जमानत पर रिहाई की जाएगी. जिसके लिए संबंधित न्यायालयों के पास प्रस्ताव भेजे गये है.
बता दें कि, केंद्रीय मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महासंचालकों व पुलिस महानिरीक्षकों को संविधान दिन से पहले सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर अमल करने हेतु कहा गया था. जिसके अनुसार राज्य कारागार विभाग ने कैदियों की जमानत पर मुक्तता करने संबंधी प्रस्ताव संबंधित न्यायालयों में भिजवाये है. जो कैदी अपनी सजा की आधी कालावधि को जेल में काट चुके है, उनके मामले भी अदालतों के पास जमानत हेतु भेजे जाने का प्रावधान किया गया है. साथ ही कारागार के इतिहास में पहली बार सजा की कुल कालावधि में से एक तिहाई सजा भुगत चुके कैदियों को जमानत पर छोडने हेतु पात्र ठहराया गया है. इसके चलते आगामी 26 नवंबर को संविधान दिवस पर जमानत रहने वाले 141 कच्चे कैदियों के साथ ही कारागार में अच्छा बर्ताव रखने वाले 70 कच्चे कैदियों के अलावा लगभग आधी सजा भुगत चुके 71 कैदियों को राहत मिलेगी. इसके अलावा जिन कैदियों ने अपनी सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में काट लिया है. ऐसे कैदियों को भी संविधान दिन के उपलक्ष्य में जमानत पर छोडने का प्रस्ताव तैयार कर न्यायालय के पास भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक संविधान दिवस के उपलक्ष्य मेें जमानत पर छुटने हेतु पात्र रहने वाले कैदियों में सर्वाधिक कैदी नागपुर सेंट्रल जेल तथा पुणे की येरवडा जेल की है. जिनमें ज्यादातर कच्चे कैदियों का समावेश है. वहीं कुख्यात अपराधियों सहित आतंकवाद व नक्सलवाद जैसे मामलों में पकडे गये कैदियों एवं फांसी तथा आजीवन कारावास की सजा प्राप्त कैदियों को इस उपक्रम व सहुलियत हेतु पात्र नहीं माना गया है.

 

 

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