राकांपा सांसद अमर काले साध रहे भाजपा से नजदीकी
भाजपा नेताओं के साथ सतत मुलाकातों को लेकर चर्चा

वर्धा/दि.17 – वर्धा संसदीय क्षेत्र के राकांपा सांसद अमर काले इन दिनों भाजपा नेताओं के साथ जमकर नजदीकी साधते दिखाई दे रहे है. गत रोज अमरावती विमानतल के उद्घाटन अवसर पर सांसद अमर काले व्यासपीठ पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अन्य भाजपा नेताओं के साथ दिखाई दिए. वहीं इससे तीन दिन पहले आर्वी में सीएम देवेंद्र फडणवीस के ठीक बगल में बैठकर सांसद अमर काले ने उनसे कुछ बातचीत की थी. साथ ही सांसद काले द्वारा पेश की गई एक फाईल पर सीएम फडणवीस ने तुरंत ही हस्ताक्षर भी कर दिए थे. जिसे लेकर राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है.
उल्लेखनीय है कि, सांसद अमर काले राकांपा शरद पवार गुट से वास्ता रखते है. जो राज्य सहित देश में विपक्ष की भूमिका निभा रहा है. परंतु विपक्षी सांसद रहने के बावजूद सांसद अमर काले आए दिन किसी न किसी केंद्रीय मंत्री के साथ अपने फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते है. जिसके तहत सांसद अमर काले ने हाल-फिलहाल के दिनों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, शिवराजसिंह चौहान व राजनाथसिंह सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ निवेदन व ज्ञापन देने के नाम पर मुलाकात की और ऐसी मुलाकातों के फोटो भी सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किए. जिसके चलते भाजपा नेताओं के साथ राकांपा सांसद अमर काले द्वारा किस तरह से नजदीकी साधने को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, दलबदल करना अमर काले व उनके परिवार के लिए कोई नई बात नहीं है. लोकसभा चुनाव से मात्र 15 दिन पहले अमर काले ने 40 वर्षों से चला आ रहा कांग्रेस का साथ छोडकर राकांपा में प्रवेश किया था और वे राकांपा के टिकट पर वर्धा संसदीय क्षेत्र के सांसद निर्वाचित हुए. साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी इसी इतिहास को दोहराया. जिसके चलते आर्वी में कांग्रेस को पूरी तरह से भगवान भरोसे छोडने का श्रेय सांसद अमर काले व उनके परिवार को दिया जाता है. वहीं अब सांसद काले द्वारा भाजपा नेताओं के साथ नजदीकी साधे जाने की घटनाओं को लेकर सवाल उपस्थित किया जा रहा है कि, कहीं सांसद अमर काले एक बार फिर दलबदल करने की तैयारी से नहीं कर रहे.
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सांसद अमर काले का कहना रहा कि, वे अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्या और विकासकामों से संबंधित मुद्दों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते रहते है. जिसमें कुछ भी गलत नहीं है और ऐसी मुलाकातों का कोई राजनीतिक अर्थ भी नहीं निकाला जाना चाहिए.