* मराठा आरक्षण आंदोलन इफेक्ट
पंढरपुर/ दि.8- कार्तिकी एकादशी 23 नवंबर को यहां विठ्ठल की महापूजा होती है शासकीय पूजा का सम्मान उपमुख्यमंत्री को दिया जाता है. किंतु आज हुई मंदिर समिति की बैठक में निर्णय किया गया कि अजीत पवार अथवा देेवेंद्र फडणवीस किसी को भी इस बार पूजन हेतु आमंत्रित न किया जाए. इसे मराठा आरक्षण आंदोलन का प्रभाव माना जा रहा है. आंदोलनकर्ताओं ने शासकीय महापूजा उपमुख्यमंत्री के हस्ते होने पर मराठा समाज द्बारा उसे कालिख पोतने की धमकी दी थी. जिससे समिति के निर्णय पर निगाहें लगी थी.
उल्लेखनीय है कि अनेक वर्षो से परंपरा है. आषाढी एकादशी को मुख्यमंत्री के हस्ते और कार्तिकी एकादशी का उपमुख्यमंत्री के हस्ते भगवान विठ्ठल की पूजा होती हैं. इस बार दो डीसीएम होने से मंदिर समिति के सामने दुविधा थी. समिति ने प्रदेश के विधि व न्याय विभाग से पत्राचार भी किया था. बहरहाल आज की बैठक में किसी भी उपमुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं करने का निर्णय किया गया. मराठा समाज ने आरक्षण का निर्णय होने तक किसी भी मंत्री, सांसद, विधायक को महापूजा के लिए न बुलाने कहा था.