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चाचा शरद के रास्ते पर चल रहे भतीजे अजीत पवार

अधिक से अधिक महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने कब्जे में रखने की कर रहे कोशिश

* प्रदेशाध्यक्ष तटकरे को भेजा दिल्ली दौरे पर
मुंबई/दि.27 – महाराष्ट्र में एक बार फिर महायुति की सरकार बनना तय है. वहीं जबर्दस्त बहुमत रहने के बावजूद शिवसेना व भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकंशी भी चल रही है. लेकिन सीएम पद की रेस में राकांपा नेता अजीत पवार कही नहीं है, बल्कि 41 सीटें जीतने वाले अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार द्वारा सालोंसाल से अमल में लाये गये रास्ते को पकडते हुए अधिक से अधिक मत्वपूर्ण मंत्रालय अपने कब्जे में करने की जुगत भिडानी शुरु कर दी है. साथ ही इसके लिए अपने प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने हेतु दिल्ली भेज दिया है.
बता दें कि, कांग्रेस व राकांपा आघाडी वाले जमाने में मुख्यमंत्री पद छोडकर ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखने की रणनीति पर शरद पवार द्वारा अमल किया गया था. जिसके लिए कांग्रेस से अधिक सीटें रहने के बावजूद शरद पवार ने मुख्यमंत्री पद कांगे्रस के लिए छोड दिया था और अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया था. साथ ही वित्त मंत्रालय, राजस्व एवं गृह मंत्रालय को राकांपा के हिस्से में रखवाया था. वहीं अब मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए अजीत पवार द्वारा भी उसी रणनीति पर अमल करने की पूरी संभावना है. क्योंकि सीएम पद पर अजीत पवार गुट वाली राकांपा का दावा ही नहीं बनता, ऐसे में अजीत पवार के एक बार फिर उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री बनने की संभावना है. साथ ही राज्य में राजस्व एवं महिला एवं बालकल्याण जैसे विभागों को अपने लिए लेने के साथ ही केंद्र में भी कम से कम एक मंत्री पद हासिल करने के लिए अजीत पवार गुट द्वारा जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग की जा रही है.

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