धामणगांव बढे/ दि. 10- मोताला तहसील के लिहा निवासी मामा ने भांजे को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया. इस मामले में धामणगांव बढे पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया है. इस मामले के लिए भांजा और 35 वर्षीय मामी का प्रेम संबंध जिम्मेदार है. दोनों के प्यार की जानकारी मामा को मिलने के बाद यह घटना हुई. इस बात को करीब एक माह बीत चुका है. भांजे ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने से पहले लिखे सुसाइड नोट के कारण मामले का पर्दाफाश हुआ.
रविंद्र उर्फ दीपक गुलाबराव चरावंडे (लिहा) यह आत्महत्या करने वाले भांजे का नाम है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक ही गांव में और पडोस में मामा-भांजे रहते थे. रविंद्र का मामा के यहां आना-जाना लगा रहता था. इस वजह से रविंद्र और उसके मामी के बीच नजदिकिया बनी. कुछ दिन बाद वे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे. उनके प्रेम संबंध की भनक मामा को लगी, जिसके कारण मामा आग बबुला हो गया. दोनों के प्यार में बाधा निर्माण होने के कारण मामी व रविंद्र ने भाग जाने का तय किया. परंतु रिश्तेदारों ने दोनों को समझा बुझाकर मामला रोकने का प्रयास किया, मगर मामा को रविंद्र का गेम बजाना था, इसके कारण मामा ने रविंद्र से कहा कि, या तो आत्महत्या कर ले, नहीं तो तेरी मामी की हत्या कर तेरे खिलाफ चिठ्ठी लिखुंगा ऐसी धमकी देता था. इन धमकियों से घबराकर रविंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. रविंद्र ने आत्महत्या करने से पहले लिखे सुसाइड नोट में यह बात स्पष्ट की. सुसाइड नोट हाथ लगने के बाद यह मामला उजागर हुआ.
साफ सफाई के दौरान मिली सुसाइड नोट
रविंद्र की मौत के बाद धामणगांव बढे पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था. परंतु घर की साफसफाई करते समय अचानक टीवी के पीछे रविंद्र ने लिखकर रखी सुसाइड नोट मिली. उसमें सभी जानकारी विस्तारपूर्वक लिखी होने के कारण सनसनी मच गई. मामा से प्रताडित होकर आत्महत्या करने की बात रविंद्र ने लिखी. जिसके आधार पर मामा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया.
मार्च माह में भाग गए थे
रविंद्र कई बार मामी के साथ बाहरगांव जाता था. इस वजह से दोनों एक-दूसरे के नजदीक आ गये थे. परंतु उनके रिश्ते के बारे में जानकारी मिलते ही मामा और रविंद्र के बीच विवाद होने लगा. रविंद्र व मामी मार्च माह में घर से भाग भी गए थे. रविंद्र और मामी भुसावल में होने की जानकारी मिलने के बाद रिश्तेदारों ने दोनों को वापस लाया. उसके बाद मामा लगातार रविंद्र को फोन पर धमकी देता था. इन धमकियों से परेशान होकर 30 मार्च को रविंद्र ने आत्महत्या कर ली.