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आरक्षण रहने के बाद भी ट्रेन में ‘नो एंट्री’

ट्रेन की भीड से यात्री परेशान

नागपुर/दि. 16 – आरक्षण न रहने के कारण नियमित यात्री परेशान रहते अब आरक्षण रहे यात्रियों को भी कोच में प्रवेश न मिल पाने की घटना सामने आ रही है. इस कारण आरक्षित टिकट रहे यात्रियों द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है.
ग्रीष्मकाल में हर वर्ष ही यात्रियों की भीड बढती रहती है. जबकि रेलवे की तरफ से विशेष ट्रेन भी छोडी जाती है. सिकंदराबाद-पाटना, तिरुअनंतपुरम-गोरखपुर, हैद्राबाद-गोरखपुर आदि नागपुर मार्ग से जानेवाली ट्रेनो में भारी भीड रहती है. जिनका आरक्षण नहीं ऐसे यात्री इस ट्रेनो के आरक्षित कोच में घूंस जाते है. जिनका आरक्षण है उनकी सीटों पर बैठ जाते है और स्टेशन पर ट्रेन आने के बाद उस यात्री को भीतर चढने नहीं दिया जाता. नागपुर रेलवे स्टेशन पर शनिवार को संघमित्रा एक्सप्रेस ट्रेन पहुंची. दो महिलाओं का इस ट्रेन के एस-4 कोच में 33 और 34 नंबर की सीट का आरक्षण था. लेकिन दरवाजे पर खडे यात्रियों ने उन्हें भीतर चढने नहीं दिया और ट्रेन रवाना हो गई. उस समय वहां सहायता के लिए टीसी अथवा आरपीएफ जवान कोई भी नहीं था. इस घटना की शिकायत स्टेशन मास्टर के पास की गई. पश्चात करीबन 8 घंटे के बाद शाम 6 बजे इन महिलाओं को अन्य ट्रेन से जाना पडा. भीड में यात्रियों को कोई परेशानी न होने के लिए विविध उपाययोजना किए जाने की बात हाल ही में मध्य रेलवे ने घोषित की थी. लेकिन इसका उपयोग होता दिखाई नहीं दे रहा है. इस कारण यह सुविधा परिणामकारक न रहने की बात भारतीय यात्री केंद्र ने कही है.
यात्री केंद्र के सचिव बसंतकुमार शुक्ला ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस मुद्दे की तरफ ध्यान केंद्रित किया है. वर्तमान में ट्रेनों में भारी भीड है. शौचालय तक यात्री बैठे अथवा खडे रहते है. इस कारण आरक्षण कर यात्रा करनेवालो को भारी असुविधा हो रही है. इसके लिए अधिक से अधिक शुल्क लेकर यात्रियों को कोच में चढना बंद कराने, टीसी स्टेशन पर रखने, प्रत्येक कोच में टीटीई और आरपीएफ जवान रखने की मांग शुक्ला ने की है.

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