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120 नहीं, 1200 करोड रुपयों की अफरा-तफरी

मालेगांव मनी लॉड्रिंग मामले की व्याप्ति बढी

* ईडी की जांच में सामने आयी सनसनीखेज जानकारी
नाशिक /दि.2- मालेगांव बैंक गडबडी मामले में एक बडी जानकारी सामने आयी है. जिसके मुताबिक यह घोटाला केवल 120 करोड रुपयों का नहीं, बल्कि 1200 करोड रुपयों का रहने का संदेह व्यक्त किया गया है. 21 फर्जी कंपनियों के बैंक अकाउंट से 800 करोड रुपयों का व्यवहार हुआ है और इस घोटाले के तार नवी मुंबई, सूरत, अहमदाबा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली तक जुडे हुए है. ऐसी सनसनीखेज जानकारी ईडी की जांच में सामने आयी है.
बता दें कि, मालेगांव स्थित मर्चंट बैंक की शाखा में बेरोजगार युवाओं के बैंक खातों से 125 करोड रुपयों का आर्थिक व्यवहार होने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ था और उस समय भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने इस रकम को ‘वोट जेहाद’ के लिए प्रयोग में लाये जाने का आरोप लगाते हुए ईडी, सीबीआई व रिजर्व बैंक से इस मामले की जांच करने की मांग उठाई थी. पश्चात ईडी द्वारा शुरु की गई जांच में पता चला है कि, यह घोटाला 120 करोड रुपयों का नहीं, बल्कि लगभग 1200 करोड रुपयों का है और इस घोटाले हेतु जिन कंपनियों के 21 बैंक खातों के जरिए 800 करोड रुपए इधर से उधर किये गये है. उसमें से अधिकांश कंपनियां एकल स्वामित्व वाली है. जो नवी मुंबई, सुरत, अहमदाबाद, उत्तर प्रदेश व दिल्ली से वास्ता रखती है. ऐसे में अब इस घोटाले के साथ राजनीतिक दलों व राजनेताओं के साथ रहने वाले कनेक्शन को ईडी द्वारा खंगाला जा रहा है.
ज्ञात रहे कि, मालेगांव निवासी सीराज अहमद हारुन मेमन द्वारा नाशिक मर्चंट को ऑप बैंक की मालेगांव शाखा सहित अन्य दो बैंकों में करीब 14 अकाउंट खोले जाने के मामले को लेकर ईडी द्वारा विगत दिनों ही 28 स्थानों पर छापे मारे गये थे और सिराज मेमन को छावनी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साथ ही उन 13 पीडित बेरोजगार युवकों को भी आयकर विभाग के बेनामी संपत्ति कक्ष ने नोटीस जारी की थी. जिनके बैंक खातों का इस घोटाले के लिए प्रयोग किया गया था.

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