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अब आर्टस् व कॉमर्स के विद्यार्थी भी बनेंगे पायलट

डीजीसीए ने दिए स्पष्ट संकेत

मुंबई /दि.19- अब तक पायलट बनने का मौका विज्ञान शाखा से पढाई करनेवाले विद्यार्थियों को ही मिला करता था. वहीं अब आगामी समय में कला व वाणिज्य शाखा के विद्यार्थी भी पायलट बन सकेंगे. क्योंकि इसे लेकर फिलहाल नागरी विमान उड्डयन महासंचालनालय यानी डीजीसीए द्वारा विचार किया जा रहा है. इसे लेकर कोई नीति निश्चित होने के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी हेतु नागरी उड्डयन मंंत्रालय के पास भेजा जाएगा. जहां से उसे मंजूरी मिलने पर कला व वाणिज्य शाखा के विद्यार्थियों के लिए भी पायलट बनकर हवा में उडान भरने का रास्ता खुल जाएगा.
बता दें कि, इस समय जिन्हें पेशेवर पायलट बनना होता है उनके लिए विज्ञान शाखा से कम से कम कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण रहना आवश्यक होता है. साथ ही भौतिकशास्त्र व गणित के विषय अनिवार्य रखे गए है. यह नियम सन 1990 के दशक से लागू है. वहीं उससे पहले कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी भी पायलट बनने हेतु आवेदन कर सकते थे. ऐसे में अब मौजूदा नियम में बदलाव करते हुए कला व वाणिज्य शाखा से कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण करनेवाले विद्यार्थियों को भी पायलट बनने का मौका देने पर डीजीसीए द्वारा विचार किया जा रहा है.

* शालेय ज्ञान है पर्याप्त
इस समय जिनके पास अपने खुद के विमान है और जो खुद अपने विमान को उडाते है, उनके लिए विज्ञान शाखा से न्यूनतम कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण रहनेवाला नियम लागू नहीं है. तो व्यवसायिक विमान उडाने के लिए यह नियम क्यों लागू किया जाता है, ऐसा मुद्दा पायलट संगठन द्वारा समय समय पर उपस्थित किया जाता है.
– इसके साथ ही शालेय शिक्षा के दौरान जितना विज्ञान सीखा व सीखाया जाता है, उतना ज्ञान विमान उडाने हेतु पर्याप्त रहने की बात भी पायलट संगठन द्वारा कही गई है. जिसे ध्यान में रखते हुए डीजीसीए द्वारा अब प्रशिक्षु पायलट हेतु रहनेवाले नियमों में बदलाव करने का विचार किया जा रहा है.

* अमरावती में भी खुल गई है नई अकादमी
विशेष उल्लेखनीय है कि, हाल ही में उद्घाटित अमरावती विमानतल पर भी एअर इंडिया की ओर से पायलट ट्रेनिंग अकादमी का शुभारंभ किया गया है. जहां पर 34 ट्रेनिंग एअर क्राप्ट भी उपलब्ध कराए जा रहे है. जिनमें सिंगल इंजीन वाले 31 तथा डबल इंजीन वाले 3 एअर क्राप्ट का समावेश है. साथ ही इस ट्रेनिंग अकादमी में प्रति वर्ष 180 प्रशिक्षणार्थियों के प्रवेश की क्षमता तय की गई है. यदि डीजीसीए की ओर से प्रशिक्षु पायलटों की शैक्षणिक अर्हता में बदलाव किया जाता है तो निश्चित तौर पर अमरावती की फ्लाईट ट्रेनिंग अकादमी में विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के साथ-साथ कला व वाणिज्य शाखा के विद्यार्थी भी पायलट बनने का प्रशिक्षण प्राप्त करते दिखाई देंगे. साथ ही इस निर्णय को मंजूरी मिलने पर बडी संख्या में युवा इस आकर्षक करिअर का रुख भी करेंगे.

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