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अब रियल इस्टेट क्षेत्र में रहेंगे केवल प्रशिक्षित व सर्टिफाईड एजंट

अन्यथा महारेरा रद्द करेगा प्रवर्तक का पंजीयन

मुंबई /दि. 2- अपने गृहनिर्माण प्रकल्पो के फ्लैट की बिक्री हेतु प्रकल्प के प्रवर्तको द्वारा 1 जनवरी 2024 के बाद प्रशिक्षित व प्रमाणपत्र धारक एजंट के ही नाम व पत्ते घोषित करना अपेक्षित है. इन निर्देशो का पालन नहीं करनेवाले प्रवर्तको के प्रकल्पो के खिलाफ महारेरा द्वारा यथोचित कार्रवाई की जाएगी. जिसके तहत प्रकल्प को पंजीयन क्रमांक देने से इंकार करने की कार्रवाई भी हो सकती है, इस आशय का आदेश महारेरा ने हाल ही में जारी किया है. जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि, यह कार्रवाई प्रकल्प से निर्माण काल के दौरान महारेरा द्वारा किसी भी वक्त की जा सकती है.
महारेरा ने 10 जनवरी 2023 को जारी आदेश में एजंटो के नए पंजीयन व नूतनीकरण के लिए प्रशिक्षण लेने के साथ ही निर्धारित प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य व बंधनकारक किया था. साथ ही इस नियम की पूर्तता करने हेतु कई बार समयावृद्धि भी दी गई. और यह निर्णय घोषित करने के बाद विकासको की संस्थाओ के साथ ही अन्य संस्थाओ ने भी उसे लेकर कई प्रबोधनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए थे. जिनमे महारेरा के वरिष्ठो के साथ हुई इस क्षेत्र के विशेषज्ञो ने उपस्थित रहते हुए मार्गदर्शन किया. साथ ही महारेरा ने एजंटस् को प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए करीब एक वर्ष का समय दिया था और यह भी तय किया था कि, 1 जनवरी 2024 से प्रमाणपत्र के बीना नए एजंट के तौर पर पंजीयन व पुराने एजंट का नूतनीकरण नहीं किया जाएगा. ऐसे में विकासको ने अपने निर्माण प्रकल्पो से खरीदी-बिक्री संबंधी व्यवहारो के लिए 1 जनवरी के बाद ही ऐसे प्रशिक्षित एजंटो के नाम ही अपने वेबसाईट पर रखने चाहिए और उनकी मदद लेनी चाहिए. यह निर्णय जारी करने के साथ ही यह भी कहा गया था कि, इन नियमो का पालन नहीं करनेवालो पर महारेरा द्वारा यथोचित कार्रवाई की जाएगी. जिसके तहत संबंधित प्रवर्तक एवं उसके प्रकल्प के पंजीयन को रद्द भी किया जा सकता है. साथ ही साथ प्रकल्प के निर्माणकार्य दौरान ही अगर कोई गडबडी पाई जाती है तो संबंधित प्रकल्प को दिए गए पंजीयन क्रमांक को रद्द किया जाएगा.
इस संदर्भ में महारेरा का कहना है कि, रियल इस्टेट के क्षेत्र में विकासक और खरीददार के बीच एजंट ही सबसे महत्वपूर्ण कडी होता है. ज्यादा तर समय ग्राहक पहली बार एजंट के ही संपर्क में आते है और ग्राहको को एजंट के जरिए ही किसी भी प्रकल्प की प्राथमिक जानकारी मिलती है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, रियल इस्टेट क्षेत्र में कार्यरत रहनेवाले एजंटस् को रेरा कानून के महत्वपूर्ण प्रावधानो की विस्तृत जानकारी हो.

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