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अब मरीज घर बैठे ले सकेंगे डॉक्टर की सलाह

राज्य भर में होगा टेलीकन्सल्टिंग सुविधा का विस्तार

मुंबई /दि.9- केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्बारा शुरु की गई ई-संजीवनी टेलीकन्सल्टिंग सुविधा को अच्छा खासा प्रतिसाद मिल रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए इस सुविधा का विस्तार करने की तैयारी शुरु कर दी गई है. जिसके तहत अब इस सुविधा को राज्य के वैद्यकीय महाविद्यालयों व अस्पतालों के साथ जोडने का विचार शुरु किया गया है. इसके जरिए वैद्यकीय महाविद्यालयों व अस्पतालों में उपचार हेतु आने वाले मरीजों को घर बैठे अपने लिए योग्य रहने वाले डॉक्टरों के लिए इलाज व मार्गदर्शन लेना संभव रहेगा.
मरीजों को उनके घर पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में ई-संजीवनी सेवा शुरु की. कोविड काल के दौरान जब सभी निजी अस्पताल व डॉक्टरों के दवाखाने बंद थे. तब ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों हेतु यह सुविधा जीवनदायी साबित हुई थी. ई-संजीवनी ओपीडी महाराष्ट्र में अप्रैल 2020 से शुरु हुई. उस समय राज्य के कुछ मर्यादित जिलों में यह सुविधा शुरु की गई थी. जिसके बाद इसका धीरे-धीरे विस्तार किया गया. ई-संजीवनी योजना से संबंधित एक केंद्र स्तरीय अधिकारी ने विगत दिनों ही मुंबई में हुई ग्लोबल डिजिटल हेल्थ समिट में ई-संजीवनी विषय को लेकर प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि, यह योजना गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों के लिए किस तरह से प्रभावी है. एक वरिष्ठ अधिकारी द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह योजना महाराष्ट्र राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलोजों व अस्पतालों में विस्तारित करने की तैयारी शुरु है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग से ग्रीन सिग्नल मिलते ही वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पतालों में यह योजना लागू की जाएगी. साथ ही ई-संजीवनी मोबाइल एप के जरिए मरीजों को घर बैठे हृदयरोग विशेषज्ञ, न्यूरोफिजिशियन, ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ तथा फिजिशियन जैसे विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज की सुविधा मिलेगी.
ज्ञात रहे कि, देश में नवंबर 2019 से शुरु की गई ई-संजीवनी योजना का जुलाई 2023 तक 15 करोड 37 लाख 34 हजार 386 लोगों द्बारा लाभ लिया जा चुका है.

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