अब पुलिस हवालदार को भी अपराध की जांच का अधिकार

गृह विभाग ने लिया निर्णय, राजपत्र जारी

मुंबई/दि.15 – राज्य में अपराधों की संख्या के साथ ही पुलिस पर काम के लगातार बढते बोझ एवं पुलिस महकमे में अपर्याप्त मनुष्यबल जैसी बातों को ध्यान में रखते हुए अब राज्य के गृह विभाग द्वारा पुलिस हेडकांस्टेबल को भी अपराधिक मामलों की जांच करने का अधिकार प्रदान किया गया है. जिसके बारे में निर्णय लेने के साथ ही गृह विभाग द्वारा राजपत्र भी जारी किया गया है.
बता दें कि, इससे पहले केवल पुलिस उपनिरीक्षक पद एवं इससे अधिक वरिष्ठ पदों पर रहनेवाले पुलिस अधिकारियों के पास ही अपराधिक मामलों की जांच का अधिकार हुआ करता था. परंतु अब गृह विभाग द्वारा लिए गए निर्णय के चलते पुलिस हेडकांस्टेबल भी अपराधिक मामलों की जांच कर सकेंगे. हालांकि इसके लिए कुछ नियम व शर्ते भी तय किए गए है. इसके मुताबिक संबंधित पुलिस हेडकांस्टेबल पदवीधर होना चाहिए और उसकी सेवा 7 वर्ष पूर्ण रहनी चाहिए. इसके अलावा उसके द्वारा नाशिक स्थित अपराध अन्वेषण प्रशिक्षण विद्यालय में 6 माह का विशेष प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए परीक्षा उत्तीर्ण की जानी चाहिए. जिसके बाद उसे किसी अपराधिक मामले की जांच का मौका व अधिकार मिलेगा. इसे लेकर राज्य सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 9 मई को राजपत्र जारी किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, शहरी क्षेत्र में यद्यपि पुलिस कर्मियों की संख्या कुछ हद तक अपर्याप्त है. परंतु अधिकारियों की संख्या व्यवस्थित है और चूंकि अपराधिक मामले की जांच पुलिस उपनिरीक्षक पद से उपर रहनेवाले वरिष्ठ अधिकारियों के जिम्मे होती है. तो अपराधिक मामलों की जांच पर बहुत अधिक फर्क नहीं पडता, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में एक ही अधिकारी के पास कई अपराधिक मामलों की जांच का जिम्मा रहने के चलते अधिकारियों पर काम का बोझ काफी अधिक रहता है और क्राईम डिटेक्शन का प्रमाण भी काफी कम रहता है. चूंकि अब पुलिस महकमें में भी कई उच्च शिक्षित युवा र्ती होते है. ऐसे में उनके अनुभवों की दखल लेकर उन्हें कम गंभीर व छोटे-मोटे मामलों की जांच का जिम्मा देने का निर्णय गृह विभाग द्वारा लिया गया है. जिसके चलते अधिकारियों पर रहनेवाला काम का बोझ कुछ प्रमाण में कम होगा तथा क्राईम डिटेक्शन का प्रमाण भी बढेगा.

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