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अब नोटरी के आधार पर भी किया जा सकेगा खरीदी खत

बारामती की दिवाणी अदालत ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

* नोटरी दस्तावेज को लेकर फैसले से दूर हुआ संभ्रम
बारामती/दि.14- नोटरी दस्तावेज को लेकर अब भी नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में कई तरह की गलतफहमिया है. जिसके तहत माना जाता है कि, नोटरी दस्तावेज की अहमियत केवल 6 माह ही होती है, इस दस्तावेज को कोई कानूनी मान्यता नहीं होती तथा नोटरी की बजाय तहसीलदार के समक्ष किये गये प्रतिज्ञापत्र को अधिक महत्व होता है. लेकिन ऐसी तमाम गलतफहमियों को दूर करनेवाला फैसला बारामती की दिवाणी न्यायालय द्वारा एक मामले में सुनाया गया है. जिसके तहत न्यायाधीश श्रीमती डी. टी. जाधव ने नोटरी पर किये गये साठे खत को ग्राह्य मानते हुए उसके आधार पर खरीदी खत करके देने का फैसला सुनाया है.
उल्लेखनीय है कि, कई बार गुंठेवारी कानून अथवा कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते पंजीकृत दस्तावेज तैयार करने में मुश्किल आती है. ऐसे समय तकनीकी दिक्कत दूर होने तक अथवा करार को सुरक्षित रखने हेतु केंद्र या राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोटरी अधिकारी के समक्ष अधिकृत नोटरी दस्त किया जाता है. जिसे इस फैसले के जरिये मजबूत कानूनी अधिकार मिला है. जानकारी के मुताबिक बारामती निवासी विजय कृष्णराव जगताप ने नोटरी के जरिये वर्ष 2005 में साठे खत करते हुए एक घर खरीदा था. सिटी सर्वे में घर मालिक की जानकारी दर्ज नहीं रहने के चलते उस समय खरीदी खत तैयार करने में दिक्कत हुई थी. परंतू सन 2016 में पुराने घर मालिक का नाम सिटी सर्वे में दर्ज होने के बाद भी उसने घर का खरीदी खत देने में टालमटोल करना शुरू किया. ऐसे में जगताप द्वारा दिवाणी न्यायालय में दावा दाखिल करते हुए अदालत की अनुमति से आवश्यक मुद्रांक शुल्क भरा गया. पश्चात मामले की सुनवाई करते हुए न्या. जाधव ने जगताप के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रतिवादी से तीन माह के भीतर खरेदीखत करके देने का आदेश दिया.

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