6 विधायकों पर दिया जाएगा एक मंत्री पद
मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्म्यूला हुआ तय

* अजीत पवार ने किया प्लान बी तैयार
* भाजपा के सामने रखी दो बडी मांगे
मुंबई /दि.12- महायुति के सरकार के सत्ता में आये हुए एक सप्ताह का समय बीत जाने के बावजूद भी विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है. जिसके लिए गत रोज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार दिल्ली गये थे. वहीं दूसरे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ठाणे में ही रुके हुए थे. ऐसे में चर्चाएं चल पडी कि, डेप्यूटी सीएम शिंदे अब भी नाराज है. क्योंकि सीएम पद छोडने वाले शिंदे द्वारा गृह मंत्रालय के लिए आग्रह किया जा रहा है और भाजपा उन्हें गृह मंत्रालय देने हेतु तैयार नहीं है. इसी बीच मंत्रिमंडल विस्तार हेतु प्रति 6 विधायकों पर एक मंत्री पर के फॉर्म्यूले को लेकर चर्चा होने की जानकारी सामने आयी है. जिसका सबसे बडा नुकसान अजीत पवार गुट वाली राकांपा को हो सकता है. ऐसे में डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने अपना प्लॉन बी तैयार कर लिया है और भाजपा के केंद्र में एक मंत्री पद और किसी छोटे राज्य का राज्यपाल पद दिये जाने की मांग रखी है.
बता दें कि, पिछली सरकार के मंत्रिमंडल में कुल 29 मंत्री थे. जिनमें भाजपा व शिवसेना के 10-10 तथा राकांपा के 9 मंत्रियों का समावेश था. वहीं अब 6 विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्म्यूला तय होने के चलते राकांपा को 7 मंत्री पद मिल सकते है. जबकि राकांपा में मंत्री बनने के इच्छुकों की संख्या अधिक है. ऐसे में किसे संधी दी जाये और किसका पत्ता काटा जाये. यह सवाल राकांपा नेता अजीत पवार के समक्ष है. जिन्हें खुद इस बार वित्त मंत्रालय मिलना मुश्किल नजर आ रहा है. क्योंकि इस महत्वपूर्ण मंत्रालय को भाजपा अपने ही पास रखने के प्रयास में है. ऐसे में पिछले पिछले मंत्रिमंडल में राकांपा के पास जितने मंत्री पद थे, इस बार भी उतने ही पद कायम रहे. इस हेतु अजीत पवार काफी आग्रही है. लेकिन यदि मंत्रियों की संख्या कम होती है, तो अजीत पवार ने अपना प्लान बी तैयार रखा है. जिसके तहत केंद्र में एक मंत्री पद के साथ ही नागालैंड या अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य का राज्यपाल पद अजीत पवार द्वारा भाजपा से मांगा गया है. ज्ञात रहे कि, नागालैंड में राकांपा के 7 तथा अरुणाचल प्रदेश में 3 विधायक है. इन दोनों ही राज्यों में एनडीए की सत्ता है और राकांपा तीसरे नंबर की पार्टी है.