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ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग पर अंकुश लगाया जाए

चेंबर ऑफ कॉमर्स की शासन से मांग

नागपुर/ दि. 25- नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के केंद्र सरकार को दिए गये निवेदन में ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग पर अंकुश लगाने की मांग की है. चेंबर ने केंद्र सरकार को पीएमएलए ( मनी लॉडरिंग) अंतर्गत गैर कानूनी सट्टेबाजी, क्रिकेट बेटिंब और गैर कानूनी ऑन-लाइन और ऑफ लाइन गेमिंग शेडयूल क्राइम में शामिल करने की विनती की है. अध्यक्ष गोविंद पसारी, पूर्व अध्यक्ष सीए कैलाश जोगाणी, सचिव तरूण निर्बाण, कोषाध्यक्ष वसंत पालीवाल, उपाध्यक्ष विजय जयस्वाल, पूर्व अध्यक्ष वाष्णुकमार पचेरीवाला, महेंद्र कटारिया, सहसचिव विवेक मुरारका, पुरूषोत्तम ठाकरे, निखिल काकानी, जगताप पंढरी, सहसचिव विवेक मुरारक आदि ने मांग की है.
ऑनलाइन गेमिंग यानी इंटरनेट द्बारा सट्टा और जुआ खेलना, भारत के गेमिंग कानून अत्यंत उलझन में डालनेवाला है. उसनुसार बेटिंग में अवसर हो तो व गैरकानूनी है और बेटिंग अथवा गेम में कौशल्य होने पर वह नियमानुकूल है. सर्वोच्च न्यायालय ने ऑनलाइन रमी और कुछ गेम को गेमिंग की व्याख्यानुसार दूर रखकर नियमानुकूल किया है.
ऑनलाइन एप्स के कारण अनेक व्यापारी, उद्योगपति और आम आदमी का लाखों करोड रूपए का नुकसान हो रहा है. छोटे बच्चे व विद्यार्थी आत्महत्या कर रहे है. सरकार क्रिकेट सट्टा, ऑनलाइन गेमिंग के कारन, हत्या, गुंडागिरी ऐर अन्य समाजकटंक अपराधों में बढोतरी हो रही है.
महाराष्ट्र के गेेमिंग कानून अत्यंत सौम्य है. केवल 200 रूपए जुर्माना और 1 महिने की कारावास की सजा का प्रावधान है. जिसके कारण महाराष्ट्र और विदर्भ में अवैध जुए और सट्टा बडी प्रमाण में बढा है. नागपुर चेंबर ऑफ कांग्रेस ने सरकार को गैरकानूनी क्रिकेट बेटिंग ओर ऑनलाइन गेमिंग पर जल्द से जल्द अंकुश लगाने की विनती की है. प्रत्येक गेमिंग अ‍ॅप यह सॉफ्टवेर पर चल रहा है. जिसमें उपयोग करनेवालों का पैसा खर्च होता है. जिसके कारण व्यापारी स्वयं और अपने परिवार को उससे दूर रखे, ऐसी चेतावनी व्यापारियों को दी गई है. चेंबर ने पुलिस प्रशासन को गेमिंग कानून, ग्राहक संरक्षण कानून 2019 ग्राहक संरक्षक ( ई-कॉमर्स) नियम 2020 कानून आदि विविध कानून अंतर्गत कारवाई करने की विनती केली है.

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