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ओबीसी सीएम ही मराठों को न्याय देगा

बच्चू कडू का बडा ताना

नागपुर/दि. 13- प्रहार जनशक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा और चार बार के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू दो टूक बात कहने के लिए जाने जाते हैं. कई बार अपनी ही सरकार को दिक्कत में लाने वाले उनके बोल बच्चन रहते हैं. कडू विधानमंडल के शीतसत्र में लगातार किसान और अन्य विषयों पर बेबाक राय रख रहे हैं. उनके संबोधन के वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं, दर्शक संख्या के कीर्तिमान बना रहे हैं. आज उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में आज तक 8 बार मराठा मुख्यमंत्री बनने पर भी मराठों को इंसाफ नहीं मिला. अब मराठों के प्रश्न हल करने मराठा मुख्यमंत्री बनाने की मांग हास्यास्पद होने की बात कडू ने कही. उन्होंने कटाक्ष किया कि मराठा ही अपने समाज को न्याय नहीं दे सके तो ओबीसी मुख्यमंत्री यह कर सकेंगे!
कडू ने मराठा आंदोलन के संदर्भ में कहा कि अब ताकत से नहीं तो युक्ति से और दांवपेच से लडा जाता है. इन पैंतरों में कौन किसके साथ है, यह चेहरे देखकर ध्यान में आ जाता है. अधिकारों की लडाई कमजोर हो गई है. जाति की लडाई अधिक मजबूत हुई है. मजदूरों की मजदूरी, किसानों की गारंटी मूल्य, कामगारों की लडाई न होते हुए जाति की लडाई का जोर अधिक दिखाई दे रहा है. राजनेताओं ने भी जाति के संघर्ष हेतु अधिकारों के संघर्ष को नजरअंदाज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बडा व्यापारी आम लोगों को लूटता है, वैसे ही सरकार भी सामन्यजनों को लूट रही है.
* अनुदान से वंचित किसान
मंगलवार को कडू ने विधानसभा में चांदूरबाजार तहसील के अतिवृष्टि ग्रस्त किसानों का मुद्दा उपस्थित किया था. 7 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि के कारण किसानों को नुकसान हुआ था. जिसका 14-14 हजार रुपए मुआवजा दिया गया. किंतु अनेक किसान केवाईसी के बाद भी इस अनुदान से वंचित रहने का आरोप कर कडू ने कहा कि सेतु कार्यालय में कई चक्कर काटने पड रहे हैं. उन्होंने फसलों के नुकसान का अनुदान तत्काल देने की मांग उठाई.
* देश में 11 हजार खेतीहर मजदूरों की आत्महत्या
बच्चू कडू ने किसानों के मुद्दें पर बोलते हुए दावा किया कि भूमिहीन मजदूरों की भी दशा विकट है. देश में 11 हजार खेतीहर मजदूरों की आत्महत्या होने का दावा कर कडू ने उनके लिए योजना तैयार करने एवं उसके लिए अध्ययन दल बनाने की मांग पूरक मांगों पर चर्चा दौरान रखी. कडू ने कहा कि घर बनाने के लिए सरकार शहरी भागों में ढाई लाख और देहातों में 1 लाख 36 हजार रुपए देती है, इतने में कैसे घर बनेगा?

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