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मराठा व ओबीसी आरक्षण पर राज्य को गुमराह कर रहा विपक्ष

डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस का दो टूक कथन

* जरांगे से पूछा सवाल, पवार को लेकर की आलोचना
नवी मुंबई/दि.25 – मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल विगत कुछ दिनों से एक बार फिर अनशन पर बैठ गये है. जिसके चलते राज्य की महायुति सरकार के लिए कुछ हद तक मुश्किलें पैदा हो गई है. वहीं इस मामले को लेकर राज्य के भाजपा नेता व डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज नवी मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि, यदि मनोज जरांगे आगामी चुनाव में महाविकास आघाडी के तीनों प्रमुख दलों की मदद करना चाहते है, तो मनोज जरांगे ने मविआ के घटक दलों से यह लिखित तौर पर स्वीकार करवाना चाहिए कि, यदि मविआ राज्य की सत्ता में आती है, तो मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिया जाएगा. यदि मविआ के घटक दलों द्वारा ऐसा लिखकर दिया जाता है, तो जरांगे पाटिल ने निश्चित तौर पर मविआ के घटक दलों की मदद करनी चाहिए.
इसके साथ ही डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का ध्यान राकांपा नेता शरद पवार के उस बयान की ओर भी ध्यान दिलाया. जिसमें गत रोज शरद पवार ने कहा था कि, आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की मांग योग्य तो है, लेकिन मराठा आरक्षण की वजह से किसी अन्य प्रवर्ग का आरक्षण कम नहीं होना चाहिए. फडणवीस के मुताबिक शरद पवार के इस बयान ने शरद पवार की दोगली नीति व दोहरी भूमिका को उजागर कर दिया है. इसके साथ ही डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर जब राज्य की महायुति सरकार ने सर्वपक्षीय बैठक बुलाई थी, तब खुद शरद पवार सहित कांग्रेस एवं शिवसेना उबाठा के नेताओं ने एक संयुक्त निवेदन पर हस्ताक्षर किये थे. जिसमें साफ तौर पर उल्लेखित था कि, ओबीसी आरक्षण को धक्का लगाये बिना मराठा समाज को अरक्षण दिया जाये. शरद पवार सहित अन्य नेताओं द्वारा हस्ताक्षर वाला दस्तावेज अब भी अपने पास रहने का दावा भी डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया.

* ‘सारथी’ से मराठा समाज को हुआ काफी बडा लाभ
– मराठा समाज के कई युवा बने बडे अधिकारी
– डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया दावा
इसके साथ ही डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने यह दावा भी किया कि, मराठा समाज के युवाओं हेतु शुरु की गई सारथी संस्था के चलते आज कई मराठा युवक सरकारी नौकरियों में बडे-बडे पदों पर है. साथ ही अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल के चलते मराठा युवक अब नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन गये है. इस कार्यक्रम के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज हेतु राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्णयों की विस्तुत जानकारी दी और बताया कि, गृहमंत्री होने के नाते अब तक 25 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की है. जिसमें मराठा समाज को सरकारी नौकरियों में दिये गये 10 फीसद आरक्षण के मुताबिक मराठा युवाओं को भी नौकरियां मिली है. साथ ही डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने यह भी कहा है कि, मराठा समाज इतना बडा है कि, केवल आरक्षण देने से सभी युवाओं को नौकरियां नहीं मिल सकती. ऐसे में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मराठा समाज का प्रतिनिधित्व बढे तथा मराठा समाज से आईएएस व आईपीएस अधिकारी तैयार हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए सारथी संस्था की निर्मिति की गई. जिसके जरिए 51 विद्यार्थी युपीएससी तथा 480 विद्यार्थी एमपीएससी की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए और आज प्रशासन ने बडे-बडे पदों पर काम कर रहे है. इसी तरह उन्होंने अन्नासाहब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल को भी एक तरह से पुनर्जीवित करते हुए 1 लाख से अधिक मराठा युवाओं को उद्योजक बनाया. जिन्हें 8 हजार करोड से भी अधिक रुपयों का कर्ज दिया गया और आज यहीं मराठा उद्योजक युवा दूसरों को रोजगार देने का काम कर रहे है.

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