सहकारी वस्त्रोद्योग में अन्य व्यवसाय
टेक्सटाइल कन्झ्यूमर फाउंडेशन की हाईकोर्ट में अर्जी
नागपुर/ दि. 15- टेक्सटाइल कन्झ्यूमर फाउंडेशन ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में अर्जी दायर कर आरोप लगाया कि सहकारी वस्त्रोद्योग की बजाय अन्य व्यवसाय शुरू हैं. जबकि राज्य सरकार ने इन उद्योगों को कपडा उद्योग के लिए किराए से जमीन दे रखी हैं. याचिका में ब्याज सहित सरकार के बकाया 4500 करोड रूपए सहकारी उद्यमों से वसूल करने का भी अनुरोध न्यायालय से किया है. फाउंडेशन की तरफ से एड. चारूहास धर्माधिकारी ने न्या. नितिन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के सामने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने सरकार ने 3 हजार करोड का निवेश किया है. 20 वर्षो में यह रकम ब्याज सहित लौटाई जानी थी. गत 60 वर्षो में केवल 2 प्रतिशत रकम लौटाई गई है. अब ब्याज सहित 4500 करोड रूपए बकाया है. सरकार ने 158 करोड रूपए का पुनर्वास ऋण भी दिया. वह रकम भी वापस नहीं मिली. कोर्ट को बताया गया कि कपडा उद्योग को प्रतिवर्ष बिजली दरों में 2 हजार करोड की रियायत दी जा रही हैं. उद्योग की आर्थिक मदद बंद करने की मांग याचिका में की गई.