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विठू नाम गजर से गूंजी पंढरी

सीएम शिंदे के हाथों हुई शासकीय पूजा

* बारिश व भरपूर फसल हेतु सीएम ने की प्रार्थना
पंढरपुर/दि. 17 – आषाढी एकादशी निमित्त आज श्रीक्षेत्र पंढरपुर में वारकरियों का विशालकाय जनसागर उमडा और पूरा पंढरपुर जय हरी विठ्ठल के उद्घोष से गुंजायमान रहा. साथ ही आषाढी एकादशी निमित्त पंढरपुर स्थित विठ्ठल-रुख्मिणी मंदिर में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सपत्नीक सरकारी महापूजा संपन्न कराई गई. इसके साथ ही नाशिक जिले के आशा व बालू शंकर अहिरे दम्पत्ति को सरकारी महापूजा हेतु उपस्थित रहने का सम्मान प्राप्त हुआ. नाशिक जिले के अंबासन निवासी अहिरे दम्पत्ति विगत 16 वर्षो से लगातार पंढरपुर की वारी में शामिल होते हुए पैदल वारी कर रहे है.
आषाढी एकादशी के निमित्त आज करीब 15 लाख भाविक श्रद्धालू पांडुरंग के दर्शन हेतु पंढरपुर में दाखिल हुए है और चंद्रभागा नदी के तट पर आज सुबह से भाविक श्रद्धालुओं की अच्छी-खासी भिडभाड देखी जा रही थी. भगवान श्री विठ्ठल की शासकीय महापूजा संपन्न होने के उपरांत सीएम शिंदे अपने परिवार के साथ माता रुख्मिणी की पूजा हेतु गए. इस समय मान वाले वारकरी के तौर पर अहिरे दम्पत्ति भी उपस्थित थे. माता रुख्मिणी की पूजा के बाद सीएम शिंदे को तुलसीहार, श्रीफल व विठ्ठल-रुख्मिणी की प्रतिमा प्रसाद स्वरुप प्रदान की गई. इस समय सीएम शिंदे भगवान श्री विठ्ठल के समक्ष राज्य में अच्छी बारिश होने, फसलों की पैदावार अच्छी होने तथा वारकरियों व किसानों की सुखसमृद्धि के लिए प्रार्थना की.
शासकीय पूजा में शामिल होने के उपरांत मंदिर से बाहर निकले सीएम शिंदे ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि, तिरुपति बालाजी की तर्ज पर पंढरपुर में भी टोकन दर्शन व्यवस्था शुरु की जाएगी. ताकि, भगवान विठ्ठल-रुख्मिणी के दर्शन हेतु आनेवाले लाखो श्रद्धालुओं के लिए भगवान विठ्ठल का सुलभ और कम से कम समय में पददर्शन करना संभव हो सके. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 103 करोड रुपयों की निधि उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही सीएम शिंदे ने प्रकृति व पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने हेतु पालखी मार्ग पर एक वारकरी एक वृक्ष की संकल्पना को साकार करने पर भी जोर दिया.

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