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महागिरी महादेव यात्रा को सशर्त अनुमति

बाघों के शिकार का खतरा बढा, वन विभाग चौकस

बुलढाणा/दि.1 – राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण द्बारा बाघों के शिकार की घटनाओं को लेकर महाराष्ट्र राज्य के व्याघ्र प्रकल्पों को रेड अलर्ट जारी करते हुए सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. विदर्भ क्षेत्र के अभयारण्यों में बाघों का शिकार करने वाली बावरियां टोली सक्रिय होने की संभावना को देखते हुए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में शामिल अंबाबरवा अभयारण्य के अतिसंरक्षित कोर क्षेत्र अंतर्गत श्रावणमाह के तीसरे सोमवार को महागिरी महादेव की यात्रा पर आने वाले भाविक श्रद्धालुओं को काफी नियमों व शर्तों का पालन करना होगा. क्योंकि इस बार इस यात्रा को वन्यजीव विभाग द्बारा सशर्त अनुमति प्रदान की गई है.
बता दें कि, बुलढाणा जिले की संग्रामपुर तहसील अंतर्गत सोनाला से 15 किमी दूर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के भीतर अंबाबरवा अभयारण्य के अतिसंरक्षित क्षेत्र में महागिरी पर्वत श्रृंखला के एक पर्वत का महादेव का अधिष्ठान है. जहां पर आगामी 4 सितंबर को श्रावण सोमवार की यात्रा का आयोजन होगा. इस यात्रा में आसपास के कई इलाकों से आने वाले यात्रियों की भारी भीड उमडने वाली है. जिसे देखते हुए वन्यजीव विभाग ने कई नियमों व शर्तों के तहत भाविक श्रद्धालुओं को महादेव के दर्शन हेतु अनुमति दी गई. जिसके तहत यात्रा वाले दिन सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक ही भाविक श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा तथा सभी भाविक श्रद्धालु अपने वाहनों के जरिए शेम्बा जांच नाके तक ही जा सकेंगे. जहां पर पार्किंग की व्यवस्था है. यहां से आगे अभयारण्य में महादेव के पर्वत तक श्रद्धालुओं को पैदल ही जाना होगा. इसके अलावा इस यात्रा में ढोल-ताशे, डफली-बाजे व ध्वनि निक्षेपक सहित किसी भी तरह का वाद्य तथा तंबाखू, गुटखा, बीडी, सिगरेट, शराब और किसी भी तरह का हथियार ले जाने की मनाई रहेगी. इसके अलावा अभयारण्य में प्लास्टिक की थैली, बोतल एवं प्लास्टिक का कोई भी साहित्य लेकर जाने या प्रयोग करने पर प्रतिबंध रहेगा. यदि किसी भी व्यक्ति के पास ऐसा कोई साहित्य बरामद होता है. तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा. इन सबके साथ ही महागिरी के महादेव मंदिर को छोडकर अभयारण्य में 50 मीटर के दायरे को पार करने पर भी प्रतिबंध रहेगा.

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