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लापता हुई एक लाख महिलाओं की खोज के लिए याचिका

बेटी के इस्लाम धर्म स्वीकारने पर पिता की हाईकोर्ट में गुहार

मुंबई/दि.27 – राज्य में कोरोनाकाल में यानी 2019 से 2021 की कालावधि में करीबन एक लाख महिला लापता हुई है, ऐसा दावा करनेवाली जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई है. इन महिलाओं की खोज के लिए प्रभावी यंत्रणा स्थापित करने के आदेश पुलिस को देने की मांग याचिकाकर्ता ने की है. उनकी बेटी ने घर से भागकर इस्लाम धर्म स्वीकारा और शादी भी की. उसके बाद उन्होंने यह याचिका दायर की.
सरकार के कोषागार विभाग में काम करनेवाले सांगली के पूर्व सैनिक शहाजी जगताप ने यह याचिका दायर की है. उनकी बेटी विज्ञान शाखा के तृतीय वर्ष में शिक्षा ले रही थी तब दिसंबर 2021 में लापता हो गई. तब जगताप ने सांगली के संजयनगर थाने शिकायत दर्ज की. लेकिन पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई. पश्चात उसने इस्लाम धर्म स्वीकार कर शादी की रहने की जानकारी उन्हें मिली. वह बेटी को केवल दो मिनट के लिए मिले. लेकिन उसके बाद आज तक वह कहां है और उसने परिवार से संबंध क्यों तोडा, यह जानकारी न रहने की बात भी जगताप ने याचिका में कही है. बेटी बालिग रहने के कारण ही पुलिस उसे घर लाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही, ऐसा दावा भी जगताप ने याचिका में किया है.

* सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अधिकारियों की अनदेखी
बेटी के लापता होने के बाद गृह मंत्रालय द्वारा घोषित की गई जानकारी मिली. इसके मुताबिक 2019 में 35 हजार 990, 2020 में 30 हजार 89 और 2021 में 34 हजार 763 महिला लापता हुई और अब तक उनका पता न लगने की जानकारी दर्ज है. महिला लापता होने की तरफ गंभीरता से देखा नहीं जाता. सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में इन मुद्दो पर कुछ आदेश दिए थे. लेकिन उसके बाद भी इस समस्याबाबत अधिकारियों का दृष्टिकोण काफी लापरवाह रहने का दावा भी याचिकाकर्ता ने किया है.

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