अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामलों की पुलिस नहीं कर सकती जांच

केवल खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को ही मिलावटी पदार्थ खोजने का जब्त करने का अधिकार

* हैदराबाद की अदालत ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
हैदराबाद/दि.8 – कोई भी पुलिस अधिकारी खाद्य पदार्थों में मिलावटी की शिकायत पर कार्रवाई शुरु करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है, बल्कि केवल खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को ही ऐसे मामलों में मिलावटी खाद्य पदार्थ खोजने और उन्हें जब्त करने का अधिकार होता है. यह कहते हुए एक स्थानीय अदालत ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने को लेकर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये 4 लोगों को बरी कर दिया.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में खाद्य पदार्थ में मिलावट का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच जुबली हिल्स पुलिस द्वारा करते हुए आरोप लगाया गया था कि, पाम के तेल और अन्य सस्ते खाद्य तेलों को मिलाकर अवैध तरीके से मिलावटी घी तैयार करते हुए उसका उपयोग मिठाईयां बनाने के काम में किया जा रहा था. पश्चात इस मामले को लेकर दायर की गई चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए शहर की अदालत ने दुकानों व बे्रकरियों में पुलिस द्वारा की गई गंभीर चुकों की ओर ध्यान दिलाते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि, खाद्य पदार्थों में मिलावट संबंधित मामलों में कार्रवाई करने के लिए पुलिस सक्षम अधिकारी नहीं है, बल्कि खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के अनुसार एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास ही किसी भी स्थान पर तलाशी लेने अथवा किसी भी खाद्य पदार्थ पर संदेह रहने पर जब्त करने का अधिकार होता है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा ही ऐसे स्थानों से सैम्पल लेकर उन्हें खाद्य विश्लेषक के पास भेजा जा सकता है. यहां से रिपोर्ट मिलने के बाद अदालती कार्रवाई शुरु हो सकती है. लेकिन इस मामले में पुलिस ने सैम्पल जब्त करते हुए खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम की प्रक्रिया का पालन किये बिना सैम्पलों को खाद्य विश्लेषक के पास भेज दिया. साथ ही तलाशी की कार्रवाई के दौरान आरोपितों के हस्ताक्षर भी नहीं लिये गये. साथ ही पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट यह साबित करने में भी असमर्थ रही कि, आरोपियों के कब्जे से जिस तेल व घी को जब्त किया गया था, वे वाकई मिलावटी ही थे. ऐेसे में हैदराबाद की अदालत ने चारों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि, पुलिस के पास मिलावटी खाद्य पदार्थों के मामले में जांच करने का कोई अधिकार नहीं है.

Related Articles

Back to top button