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विधानसभा चुनावों से पहले बुर्के पर राजनीति छिड़ी

शिवसेना की विधायक जाधव ने भाईखला में 1,000 बुर्के बांटे

* उबाठा शिवसेना हुई हमलावर
मुंबई/दि.13- महाराष्ट्र सरकार की अगुवाई कर रही शिवसेना की विधायक यामिनी जाधव ने अपने विधानसभा क्षेत्र बायकुला में बुर्के बंटवाए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी की विधायक के इस कदम ने विरोधी शिवसेना (यूबीटी) को मुद्दा थमा दिया तो सहयोगी बीजेपी भी असहज हो गई है. उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि इससे एकनाथ शिंदे की पार्टी का पाखंड स्पष्ट हो गया. बायकुला विधायक यामिनी जाधव ने 7 सितंबर को मुस्लिम महिलाओं के बीच 1,000 बुर्के बांटे. इस कार्यक्रम का वीडियो अब वायरल हो रहा है.
* शिवसेना (यूबीटी) को मुस्लिम वोट का दबाव तो नहीं?

यामिनी जाधव को शिवसेना ने बीते लोकसभा चुनाव में मुंबई दक्षिण से अपना उम्मीदवार बनाया था. यामिनी अपने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अरविंद सावंत से हार गई थीं. सावंत को लोकसभा चुनाव 2024 में मुंबई साउथ सीट पर 3,95,655 वोट मिले थे जबकि यामिनी जाधव 3,42,982 वोट ही पा सकीं। हालांकि, उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था, इस कारण वो आज भी विधायक हैं. प्रदेश में कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. संभवतः इसी वजह से यामिनी ने मुस्लिम महिलाओं को खुश करने के लिए बुर्के बांटे. उन्हें इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस हुई होगी क्योंकि बीजेपी के विरोध में कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन करने के कारण उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को लोकसभा चुनावों में मुसलमानों का समर्थन मिला था.

दिवाली में हम हिंदुओं को उपहार देते हैं, लेकिन मुसलमानों के लिए कुछ नहीं करते. इसलिए लगा कि हमें मुसलमानों को भी गिफ्ट देना चाहिए. चूंकि मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनती हैं तो हमने सोचा कि क्यों नहीं मुस्लिम लड़कियों के बुर्के दे दिए जाएं। हमारी सहयोगी (बीजेपी) की सोच अलग है, लेकिन मुझे तो अपने क्षेत्र का ध्यान रखना है.
यामिनी जाधव, विधायक, भाईखला

* मुंबई की स्थायी समिति अध्यक्ष रही हैं
यामिनी का 2012 में शुरू हुआ राजनीतिक जीवन – 16 अगस्त, 1967 को मझगांव में जन्मीं यामिनी जाधव कारोबारी और सामाजिक कार्य की पृष्ठभूमि से आती हैं. यामिनी जाधव के पति यशवंत कमलाकर जाधव भी नेता हैं. वो बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) की स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन रह चुके हैं. यामिनी की राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2012 में हुई जब वो पहली बार बीएमसी की कॉर्पोरेटर चुनी गईं। 2019 में वो महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाईखला सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं. तब शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एकजुट थी। बाद में एकनाथ शिंदे ने बगावत की तो यामिनी जाधव ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर एकनाथ शिंदे का साथ दिया.

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