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कम जगह में हल्दी के उत्पादन का प्रात्यक्षिक

पर्यावरण क्षेत्र में सेंद्रीय तंत्रज्ञान का इस्तेमाल जरुरी

दर्यापुर/दि.9- बढते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सेंद्रीय पद्धति से खेती करना जरुरी है. इसके लिए उन्नत भारत अभियान अंतर्गत विभिन्न उपक्रम जलाने की अपील अकोला के डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. विलास भाले ने किया. तहसील के माउली गो सेवा उपक्रम स्थल पर गोरक्षण के संचालक तथा दर्यापुर के गाडगे बाबा मंडल के अध्यक्ष प्रा. गजानन भारसाकले द्बारा विभिन्न पर्यावरण पुरक उपक्रम चलाये जा रहे है. इसी उपक्रम अंतर्गत कम जगह में हल्दी के उत्पादन का प्रात्याक्षिक दिखाया गया. इसका अनुकरण सभी करें, यह अपील की गई है.
गोरक्षण स्थल परिसर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, कंपोस्ट खाद की निर्मिति, प्रदूषण मुक्त गोबरी उत्पादन, सेंद्रीय खाद द्बारा फल व सब्जियों का उत्पादन किया जाता है. कम जगह पर अधिक से अधिक सब्जी व फलों की खेती कैसे करें, इसकी जानकारी भी सभी को दी जाती है. गोरक्षण स्थल पर किया जा रहा यह काम अनुकरणीय रहने की बात भी मान्यवरों ने कहीं. प्रा. गजानन भारसाकले ने इन सभी उपक्रमों की सराहना कर गो सेवा उपक्रम को शुभकामनाएं दी.

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