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पीओपी मूर्ति बंदी पर दो सप्ताह में नियोजन तैयार करें

उच्च न्यायालय का राज्य सरकार को निर्देश

नागपुर/दि.14– राज्य में स्थानीय प्रशासन की ओर से देवी देवताओं की पीओपी मूर्ति की पूजा के लिए बिक्री करने हेतु अलग-अलग भूमिका ली जा रही है. कोई इसके लिए छूट दे रहे हैं तो कोई मनाही कर रहे हैं. जिसके चलते सर्वत्र संभ्रम का वातावरण है. मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को इस बात को ध्यान में रखते हुए इस बारे में दो सप्ताह में नियोजन तैयार करने के निर्देश राज्य सरकार को दिये हैं.
इस संदर्भ में उच्च न्यायालय ने 2021 में स्वयं ही जनहित याचिका दाखल की है. जिस पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुक्रे व गोविंद सानप के समक्ष सुनवाई हुई. दरमियान अमरावती व नागपुर की व्यवसायिक संगठनाओं ने मुंबई व सातारा में देवी-देवताओं की पीओपी मूर्तियों की पूजा के लिए बिक्री करने की अनुमति है, ऐसी जानकारी देकर नागपुर व अमरावती में भी यह छूट दिये जाने की मांग की. न्यायायलय ने इस मुद्दे पर से सरकार को फटकार लगाई. देवी-देवताओं की पीओपी मूर्ति विसर्जन के कारण जलस्त्रोत प्रदूषित होते है. ऐसा रहते सरकार ने इस बारे में अब तक ठोस भूमिका नहीं ली.
यह अत्यंत गंभीर बात है. ऐसा न्यायालय ने सुनावकर इस संदर्भ में नियोजन तैयार करने के निर्देश दिये. वहीं नियोजन कैसा होना चाहिए, इस संदर्भ में प्रकरण के सभी पक्षकारों से सूचना प्रस्तुत करने की भी बात कही. एड. श्रीरंग भांडारकर ने न्यायालय मित्र के रुप में तो एड.जेमिनी कासट ने मनपा की ओर से पैरवी की.

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