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राज्य में चारपहिया वाहनों की कीमते बढेगी

बजट में वित्तमंत्री पवार ने दिया झटका

मुंबई/दि. 10 – राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार द्वारा सन 2025-26 से आर्थिक वर्ष हेतु पेश किए गए बजट में जिला वार्षिक योजना अंतर्गत 20 हजार 165 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. गत वर्ष की तुलना में यह प्रावधान 2 हजार करोड रुपए से अधिक है. साथ ही इस बजट में 5 लाख 60 हजार 964 करोड रुपए के राजस्व जमा एवं 6 लाख 6 हजार 855 करोड रुपए के राजस्व खर्च का अनुमान जताया गया है. ऐसे में 45 हजार 891 करोड रुपयों का अनुमानित घाटा बताते हुए वित्तमंत्री अजित पवार ने वाहन कर एवं मुद्रांक शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव पेश कर बजट के जरिए महाराष्ट्र वासियों को जोरदार झटका भी दिया है.
बता दें कि, राज्य में फिलहाल व्यक्तिगत मालकीवाले परिवहनेतर चारपहिया सीएनजी व एलपीजी वाहनों पर वाहनों के प्रकार व कीमत के अनुसार 7 से 8 फीसद की दर से मोटर वाहन कर लगाया जाता है. जिसकी दर में एक फीसद की वृद्धि की गई है. जिसके जरिए सन 2025-26 में 150 करोड रुपयों का अतिरिक्त राजस्व राज्य सरकार को मिलना अपेक्षित है. इसके अलावा राज्य में 30 लाख रुपए से अधिक कीमतवाले इलेक्ट्रीक वाहनों पर 6 फीसद की दर से मोटर वाहन कर लगाने का प्रस्ताव वित्तमंत्री अजित पवार द्वारा बजट में रखा गया है और मोटर वाहन कर की अधिकतम मर्यादा को भी 20 लाख रुपए से 30 लाख रुपए तक बढाने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के चलते राज्य को 170 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद वित्तमंत्री अजित पवार ने व्यक्त की है. इसके साथ ही निर्माण कार्य हेतु प्रयोग में लाए जानेवाले क्रेन, कॉम्प्रेसर, प्रोजेक्टर व एक्सेवेटर्स प्रकार के वाहनों पर एकरकमी वाहन मूल्य की 7 फीसद दर से मोटर वाहन कर लगाया जाएगा. जिसके जरिए राज्य को 180 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. इसके साथ ही 7500 किलो वजन तक माल ढुलाई करनेवाले हलके वाहनों पर 7 फीसद की दर से मोटर वाहन कर लगाया जाएगा. जिसके जरिए राज्य को 625 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है.
राज्य सरकार द्वारा मोटर वाहन कर की दरों में वृद्धि किए जाने के चलते आगामी समय में वाहन खरीदी करनेवाले ग्राहकों की जेब से ज्यादा पैसा खर्च होने की संभावना है. किसी भी वाहन की खरीदी करते समय उसकी एक्स-शोरुम प्राईस व ऑन रोड प्राईस में फर्क होता है. शोरुम से कार अथवा किसी वाहन से प्रत्यक्ष सडक पर आने तक कई तरह के कर लगाए जाते है. जिसमें से मोटर वाहन कर राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है. जिसमें वृद्धि होने पर वाहनों की कीमतो में भी वृद्धि होती है.
इसके अलावा राज्य सरकार ने मुद्रांक शुल्क में भी वृद्धि का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत महाराष्ट्र मुद्र्ांक अधिनियम की धारा 4 के अनुसार एक ही व्यवहार की पूर्तता हेतु एक से अधिक दस्तावेजों का प्रयोग करने पर अब पुरक दस्तावेजों के लिए 100 रुपए की बजाए 500 रुपए का मुद्रांक शुल्क लगाया जाएगा. इसके अलावा किसी भी दस्त को लेकर भरे जाने वाले मुद्रांक शुल्क को 100 रुपए से बढाकर 1000 रुपए करने का निर्णय भी राज्य सरकार द्वारा लिया गया है.

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