अमरावती के सरकारी अभियांत्रिकी महा. के प्राचार्य व प्राध्यापकों ने किया करोडों का घोटाला
डॉ. हरिदास व अभिजीत खेडकर द्वारा दर्ज मामले में 15 दिन के भीतर पुलिस रिपोर्ट को लेकर अदालती आदेश

पुणे/दि.31 – नगर पालिका, महानगर पालिका, नगर परिषद व जिला परिषद आदि के विकास कामों का ऑडीट सरकारी तंत्र निकेतन व सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के मार्फत किया जाता है. जिसके जरिए रास्ते, पुल व इमारत जैसे नागरिकों हेतु किए गए विकास कामों की गुणवत्ता ऑडीट में तय की जाती है. साथ ही ऑडीट होने के बाद महानगर पालिका, नगर पालिका व जिला परिषद द्वारा सरकारी तंत्र निकेतनों व सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को तय प्रतिशत के अनुसार शुल्क अदा किया जाता है. परंतु कई बार ऐसी रिपोर्ट संबंधित सरकारी तंत्र निकेतनों व सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों द्वारा कॉलेज में बैठकर बनाई जाती है और ठेकेदारों के बताए अनुसार रिपोर्ट लिखकर दी जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसमें अमरावती के सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य व प्राध्यापकों द्वारा करोडों रुपयों का घोटाला किए जाने की बात सामने आई है. जिसे लेकर अदालत ने 15 दिन के भीतर कार्रवाई करने का आदेश पुलिस को दिया है.
इस संदर्भ में डॉ. अभिषेक हरिदास व अभिजीत खेडकर सहित सामाजिक कार्यकर्ता सुनील पवार व अनिल भांगरे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक ज्यादा पैसा कमाने की लालच में रास्तों, पुलों व इमारतों की गुणवत्ता के साथ समझौता किया जाता है. वहीं 31 मई 2023 के शासन निर्णयानुसार शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को उनके वार्षिक मूल वेतन की तुलना में ऐसी ऑडीट रिपोर्ट के लिए 20 फीसद रकम लेने की अनुमति है. परंतु 4 से 5 लाख रुपए वेतन लेनेवाले प्राचार्य व शिक्षकों द्वारा करोडों रुपयों का मानधन लेने की बात सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जरिए सामने आई है. वहीं कुछ ने तो अपने वेतन से दो-तीन गुना मानधन लिया है. साथ ही कॉलेज के चपरासीयों ने भी लाखों रुपए कमाए है. जिसके चलते अमरावती के सरकारी मेडीकल कॉलेज के प्रा. आशीष महल्ले, प्रा. प्रदीप लांडे, प्रा. हिरडे व प्रा. राहुल डुगज द्वारा सरकारी निर्णय का उल्लंघन कर अपना व्यक्तिगत लाभ साधने व सरकार का नुकसान करने को लेकर भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के पास शिकायत दर्ज कराने के साथ ही अदालत में भी याचिका दायर की गई है. जिसके बाद अमरावती की अदालत ने युक्तिवाद सुनने के बाद गाडगे नगर पुलिस को 15 दिन के भीतर मामले की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.