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प्रियल अग्रवाल बनी ‘एस्पायरिंग यंग साइंटिस्ट’

डॉ. होमी भाभा बाल वैज्ञानिक स्पर्धा में राज्य से हासिल किया दूसरा स्थान

* स्पेस सेंटर व स्पेसशीप को प्रत्यक्ष देखने का सपना किया साकार
* सांसद प्रतिभा धानोरकर के हाथों समारोहपूर्वक हुआ सत्कार
आर्णी/दि.5 – अमुमन अपनी शालेय शिक्षा के दौरान विद्यार्थियों द्वारा डॉक्टर, इंजीनियर या प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना देखा जाता है और ऐसे सपनों के लिए माता-पिता द्वारा भी अपने बच्चों का भरपूर समर्थन करते हुए उन्हें जमकर प्रोत्साहित किया जाता है. परंतु स्थानीय सनराईज इंग्लिश मीडियम स्कूल की कक्षा छंठवीं में पढनेवाली प्रियल अशोक अग्रवाल ने छोटी सी उम्र में ही वैज्ञानिक बनने का सपना देखा और अपने सपने को साकार करने की राह पर आगे बढते हुए प्रियल अग्रवाल ने ‘एस्पायरिंग यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड 2025’ हासिल करने में सफलता प्राप्त की. महान वैज्ञानिक डॉ. होमी भाभा के नाम पर स्थापित डॉ. होमी भाभा फाउंडेशन द्वारा दिए जानेवालेवाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को हासिल कर प्रियल अग्रवाल ने अपने परिवार सहित अपने शिक्षकों व पूरे आर्णी शहर का नाम रोशन किया है.
बता दें कि, मुंबई सायंस टिचर्स एसोसिएशन द्वारा डॉ. होमी भाभा फाउंडेशन के सहयोग से ली जानेवाली डॉ. होमी भाभा बाल वैज्ञानिक स्पर्धा में लाखों शालेय विद्यार्थी शामिल होते है. जिनमें से आर्णी निवासी प्रियल अग्रवाल ने द्वितीय स्थान हासिल किया. जिसके चलते प्रियल अग्रवाल का विगत 21 फरवरी को ठाणे पश्चिम स्थित डॉ. काशीनाथ घाणेकर नाट्यगृह में पद्मभूषण ज्येष्ठराज जोशी के हाथों ‘एस्पायरिंग यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड 2025’ प्रदान करते हुए सम्मान किया गया. इसके साथ ही इस उपलब्धि हेतु प्रियल अग्रवाल का आर्णी शहर में भी जगह-जगह पर सत्कार किया जा रहा है, जिसके तहत गत रोज आर्णी में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सांसद प्रतिभा धानोरकर ने खुद आर्णी पंचायत समिति के सभागार में प्रियल अग्रवाल का समारोहपूर्वक सम्मान किया. इस समय प्रियल के साथ उसके माता-पिता पूनम व अशोक अग्रवाल व बहन तनिष्का अग्रवाल भी उपस्थित थे. इस समय पूर्व विधायक बालासाहब मुनगीनवार, कांग्रेस के युवा नेता जितेंद्र मोघे, आर्णी के पूर्व नगराध्यक्ष अरीज बेग, बालासाहब शिंदे, छोटू देशमुख, तहसीलदार वैशाख वाहूरवाघ, थानेदार सुनील नाईक, गटविकास अधिकारी रमेश खारोडे व उपविभागीय अधिकारी पावरा सहित अनेकों गणमान्य उपस्थित थे. सभी ने प्रियल की उपलब्धि को आर्णी शहरवासियों के लिए अभिमान की बात बताया.

* बचपन से ही प्रियल को था स्पेश का आकर्षण
प्रियल अग्रवाल के पिता अशोक अग्रवाल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रियल को बेहद कम उम्र से ही आकाश में उडान भरनेवाले अवकाश यानों के प्रति जबरदस्त आकर्षण था और अवकाश यान तैयार करने हेतु लगनेवाली वस्तुओं को देखने की प्रबल इच्छा भी थी. चूंकि प्रियल आर्णी जैसे छोटे से शहर से वास्ता रखती है. अत: उसे कभी स्पेस सेंटर देखने मिलेगा भी या नहीं, इस बात को लेकर प्रियल सहित उसके पिता अशोक अग्रवाल में संदेह था. इसी दौरान अशोक अग्रवाल को मुंबई सायंस टिचर्स एसोसिएशन द्वारा ली जानेवाली डॉ. होमी भाभा बाल वैज्ञानिक स्पर्धा के बारे में जानकारी मिली और इस जरिए अपनी बेटी का सपना पूरा होने को लेकर उम्मीद की किरण दिखाई दी. वहीं प्रियल अग्रवाल ने इस स्पर्धा में शामिल होते हुए जमकर मेहनत की और नियोजनबद्ध तरीके से परीक्षा में शामिल होकर राज्य के 1 लाख 72 हजार विद्यार्थियों में से दूसरा स्थान हासिल करते हुए स्पेस सेंटर देखने के साथ-साथ ‘रोहिणी-200’ की लाँचिंग को देखने का अवसर भी प्राप्त किया. डॉ. होमी भाभा बाल वैज्ञानिक स्पर्धा में उत्तीर्ण होनेवाले महाराष्ट्र के 36 विद्यार्थियों को विमान से तिरुअनंंतपुरम स्थित डॉ. विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर ले जाया गया. जिनमें प्रियल अग्रवाल का भी समावेश था. पहली बार विमान में सवार होनेवाली प्रियल अग्रवाल ने तिरुअनंतपुरम के स्पेस सेंटर को भेंट देने के बाद वहां के वैज्ञानिकों से भी संवाद साधा. साथ ही साथ ‘रोहिणी-200’ की लाँचिंग को भी प्रत्यक्ष देखा. जिससे प्रियल अग्रवाल बेहद उत्साहित भी हुई.

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