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160 से सीधे 200 रूपए तक उछली दाल

उत्पादन में कम होने से तुअर के भाव में तेजी

पुणे / दि.24 – खरीफ सीजन में तुअर सहित अन्य कडधान्य की बुआई के समय आयी घट तथा फसल निकालते समय बेमौसम बारिश के कारण देश में तुअर और मूंग के उत्पादन में घट होने का अनुमान है तथा आयात की गई तुअर ग्राहकों को पसंद न आने से फुटकर बाजार में तुअर के भाव 160 से 200 रूपए पर आ गये है.
खरीफ सीजन में तुअर बाजार में आने लगी है. तुअर को 2024 के लिए केंद्र सरकार ने 7 हजार रूपए प्रति क्विंटल गारंटी भाव घोषित किया है. परंतु नई तुअर की आवक होते ही बाजार के भाव औसतन 10 हजार रूपए प्रति क्विंवटल हो गये है. फसल निकालते समय तुअर बारिश में गीली होने के कारण उसके भाव ओर कम हो गए है. खरीदी गई तुअर दाल मिल्स में प्रक्रिया के लिए ले जाने के बाद उतारे में घट दिखाई दे रही है. एक क्विंटल तुअर से जैसे- तैसे 60 से 70 किलो तुअर दाल तैयार हो रही है. फिर भी वह अपेक्षित दर्जे की नहीं रहती. एक किलो तुअर से तुअर दाल तैयार करने का खर्च साधारण 30 से 40 रूपए है. प्रति क्विंटल औसतन 1 हजार रूपए से खरीदी, प्रति क्विंटल चार हजार रूपए प्रक्रिया खर्च और उतारे में होनेवाली घट आदि कारणों के कारण तुअर दाल की औसतन 160 से 200 रूपए तक गये है. ऐसी जानकारी कडधान्य के व्यापारी नितिन नहार ने दी.
उत्पादन में 30 प्रतिशत तक घट केंद्र सरकार ने इस बार 34.21 लाख टन तुअर उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया था. प्रत्यक्ष में उत्पादन में 30 प्रतिशत तक घट होने का अनुमान है. साधारण 30 लाख टन तक उत्पादन होने का अनुमान है. परंतु देश की एक वर्ष की आवश्यकता 46 लाख टन की है. जिसके कारण वर्षभर तुअर की कमी और भाव बढने का इंतजार करना पडेगा. मुंग का उत्पादन 14.05 लाख टन और उडद के 15.5 लाख टन होगा. ऐसा सरकार का अनुमान था. उसमें भी 25 प्रतिशत तक घटने का अनुमान है.
* करना क्या ?
– बुआई में कमी, मौसम परिवर्तन और फसल निकालते समय बेमौसम बारिश का फटका, कडधान्य उत्पादन में घट होने का अनुमान.
– कडधान्य का कुल उत्पादन इस बार 71.18 लाख टन पर जाने का अनुमान होने की इंडियन पल्सेस अ‍ॅण्ड ग्रेन्स असोसिएशन की जानकारी.
* केंद्र की बाजार भाव से खरीदी
केंद्र सरकार किसी भी खेतमाल की खरीदी गारंटी भाव से करती है. परंतु तुअर के उत्पादन में घट होने के भय से सरकार ने गारंटी भाव से नही बाजार भाव से तुअर खरीदी करने की घोषणा दिसंबर के आखिर में की थी. नाफेड और एनसीसीएफ की ओर से खरीदी की जायेगी. खुले बाजार की समीक्षा लेकर रोज खरीदी का भाव घोषित किया जायेगा. केंद्र सरकार साधारण तौर पर 10 लाख टन तक तुअर खरीद सकती है. केंद्र की इस घोषणा के कारण तुअर के भाव में तेजी आयी है.

* देश में 30 लाख टन तुअर के उत्पादन का अनुमान है. प्रत्यक्ष में 46 लाख टन तुअर दाल की आवश्यकता रहती है. म्यानमार से तुअर और तुअर दाल का आयात शुरू हो गया है.

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