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नीट-यूजी की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान

दोबारा परीक्षा की मांग

मुंबई/दि.7 – एमबीबीएस, डेंटल में दाखिले के लिए छात्रों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है. लेकिन इस साल छात्रों का प्रवेश निर्धारित करने वाली नीट-यूजी की विश्वसनीयता को लेकर भ्रम पैदा हो गया है.
बिहार में पेपर लीक होने जैसे कई कारणों से कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिया जाना, एक ही सेंटर से कई छात्रों को 100 परसेंटाइल मिलना, अंतिम उत्तर सूची घोषित होने के अगले दिन तुरंत परिणाम घोषित करना, छात्रों और अभिभावकों में गुस्सा नीट-यूजी के नतीजों को लेकर हलचल बढ़ती जा रही है. नीट-यूजी की विश्वसनीयता पर संदेह के चलते देशभर से इस परीक्षा को दोबारा लेने की मांग उठ रही है. एमबीबीएस, डेंटल में दाखिले के लिए छात्रों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है. लेकिन इस साल छात्रों का प्रवेश निर्धारित करने वाली नीट-यूजी की विश्वसनीयता को लेकर भ्रम पैदा हो गया है. परीक्षा में निष्पक्षता और पारदर्शिता के मुद्दे पर अभिभावक और छात्र सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. इसमें मेडिकल छात्र और डॉक्टर भी शामिल हैं. इस परीक्षा को आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस परीक्षा में देशभर से 24 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे.

* यह प्रश्न क्यों?
– 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 67 छात्रों में से, हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से आठ छात्र कैसे हैं?
– नीट-यूजी का रिजल्ट 14 जून को घोषित होना था. इसके बजाय, इसे दस दिन पहले लोकसभा चुनाव परिणामों की गहमागहमी के बीच लगाया गया था. उससे दो दिन पहले, एनटीए ने अंतिम उत्तर सूची की घोषणा की थी. अभिभावकों को संदेह है कि आंसर लिस्ट के महज दो दिन में ही रिजल्ट कैसे तैयार हो गया.
– 67 से ज्यादा स्टूडेंट्स को 100 परसेंटाइल मिले हैं. अभी तक सिर्फ दो-तीन छात्रों को ही 100 परसेंटाइल मिला है. इतने सारे बच्चों को परफेक्ट मार्क्स कैसे मिले?
– बिहार में नीट-यूजी का पेपर लीक होने की शिकायत मिली थी. पुलिस ने खुलासा किया कि पेपर के बदले प्रत्येक छात्र से 30 से 50 लाख रुपये लिये गये थे. कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बताया गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले करीब 20 लोगों को प्रश्न पत्र मिला है. लेकिन इस पेपर लीक की परवाह किए बिना परीक्षा जारी रखी गई. इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है.
– कई छात्रों को 718, 719 अंक मिले हैं. एनईईटी मूल्यांकन की प्रकृति को देखते हुए, ऐसे अंक संभव नहीं हैं. एनटीए ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि ये अंक समय की कमी के कारण दिए गए ग्रेस मार्क्स के कारण प्राप्त हुए थे और एनसीआरटीई के पुराने पाठ्यक्रम से एक प्रश्न पूछा गया था. लेकिन किस केंद्र से कितने छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं यह अभी भी रहस्य है.

* राजनीतिक दलों का उदय
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पर पूछा है कि हरियाणा में एक ही सेंटर से आठ लोगों को 100 परसेंटाइल कैसे मिल गए.

* कुछ अभिभावक दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं
हालांकि अभिभावकों की ओर से नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा कराने की मांग की जा रही है, लेकिन महाराष्ट्र के कुछ अभिभावक इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, ग्रेस मार्क हटाकर संशोधित परिणाम घोषित किया जाना चाहिए. जिससे बडी संख्या में मार्क का गुब्बारा फूट जाएगा.

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