जीएसटी के फर्जी बिल बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड
क्राइम ब्रांच ने की मामले की जांच

* 150 करोड से अधिक रुपयों का किया था घोटाला
* डमी फर्म के नाम पर गोरखधंधा
* सूत्रधार सहित पांच गिरफ्तार
नागपुर/दि.19-जीएसटी के फर्जी बिल बनाकर 150 करोड़ से अधिक का घोटाले करनेवाले रैकेट का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है. इस रैकेट के सूत्रधार सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई से शहर के व्यापारियों में भूचाल आ गया है. गिरफ्तार आरोपियों में संतोष उर्फ बंटी रामपाल साहू (52) स्मॉल फैक्ट्री एरिया, भंडारा रोड, उसका भाई जयेश रामपाल साहू (36) कैपिटल हाईट्स, इमामवाड़ा, ब्रिजकिशोर रामनिवास मनियार (59) प्लेटिना एनक्लेव, शंकर नगर, ऋषि हितेश लाखानी (21) तथा आनंद विनोद हरडे (33) ढोबले ले-आउट, सूर्य नगर है. उनका साथी अविनाश साहू, राजेश साहू तथा अंशुल मिश्रा फरार है.
हुबली, पश्चिम बंगाल निवासी 39 वर्षीय बिस्वजीत रॉय फॉस्ट फूड की दुकान चलाते थे. पिता के इलाज में खर्च होने से तंगी झेल रहे थे. उनका सूरज केडिया नामक बचपन का मित्र था. वे सूरज के कहने पर जून 2024 में नागपुर आए. सूरज उन्हें स्मॉल फैक्ट्री एरिया के प्रीतम कॉम्पलेक्स में ले गया. वहां रॉय की बंटी साहू, जयेश साहू, अविनाश साहू, ऋषि लाखानी, आनंद हरडे, राजेश साहू, ब्रिजकिशोर मनिहार और अंशुल मिश्रा से मुलाकात कराई उन्होंने रॉय से आधार और पैन कार्ड मांगते हुए उसके नाम से बाजार में निवेश करने का झांसा दिया. मुनाफे में हर माह हिस्सा देने का वादा किया. आधार और पैन कार्ड लेकर हस्ताक्षर लिए. वाठोड़ा स्थित राजेश साहू के गोदाम में रहने का प्रबंध किया. उसके नाम से मोबाइल का सिम लिया. उस पर ओटीपी आने का बताते हुए सिम अपने पास रख लिया.
* तीन माह में करोड़ों के फर्जी बिल
रॉय की शिकायत के अनुसार आरोपी क्षितिज इंटरप्राइजेज के नाम से अलग-अलग कंपनी, फर्म और व्यापारी को फर्जी बिल बेचने लगे. जिन्हें फर्जी बिल दिए जाते थे, उन्हें माल की डिलीवरी होती ही नहीं थी. बिल खरीदने वाला अधिकृत व्यवहार दिखाने के लिए आरोपियों की फर्जी फर्म (क्षितिज इंटरप्राइजेज) में ऑनलाइन भुगतान भेजता था. आरोपी इस राशि को बैंक से नकद निकालकर खुद का कमीशन काटकर शेष राशि नकदी स्वरुप में बिल खरीदने वाले को लौटाते थे. सितंबर 2024 से दिसंबर 2024 के दौरान अर्थात महज तीन माह में आरोपियों ने रॉय के नाम से क्षितिज इंटरप्राइजेज में 96.39 करोड़ के फर्जी बिल बनाकर जीएसटी छूट की राशि हजम कर ली.
* जान से मारने की धमकी
आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी. रॉय को उसके मित्र अमरावती मार्ग निवासी मिथुन राजपांडे के नाम से भी आरोपियों द्वारा फर्जी फर्म अवध इंटरप्राइजेज खोलकर 59.51 करोड़ के फर्जी बिल बनाने का पता चला. इसके बाद रॉय ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई. क्राइम ब्रांच ने शिकायत की जांच की. इसमें आरोपियों के रैकेट का खुलासा हुआ. इसके आधार पर लकड़गंज थाने में मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.