* पैनगंगा नदी पूरे उफान पर
* कई गांव हुए जलमग्न, जनजीवन अस्त-व्यस्त
यवतमाल/दि.2 – यवतमाल जिले में शनिवार की रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने चहूंआरे कहर ढा दिया है. जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा है. साथ ही नदी-नालों में आयी बाढ का पानी खेतों में घुस जाने के चलते हजारों हेक्टेअर जमीन पानी में डूब गई है. इसके अलावा कई गांव भी जलमग्न हो गये है. इसकी वजह से पूरे जिले में आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हुआ है. यवतमाल जिले के 57 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि दर्ज की गई है तथा इस बारिश की वजह से महागांव, दिग्रस, पुसद व उमरखेड तहसीलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
यवतमाल शहर सहित जिले में शनिवार की शाम से ही मूसलाधार बारिश की शुरुआत हुई और पूरी रात बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ झमाझम पानी बरसा. पश्चात रविवार की सुबह कुछ देर के लिए बारिश का जोर कम हुआ. लेकिन दोपहर के समय अच्छी खासी बारिश हुई. उमरखेड तहसील में मराठवाडा की सीमा पर रहने वाले कई गांवों में बादल फटने जैसी स्थिति रही और पैनगंगा नदी के पूरे उफान पर रहकर बहने की वजह से नदी किनारे रहने वाले गांववासियों ने डर व दहशत के साये में रात निकाली. वहीं जंगल क्षेत्र में स्थित कोरटा, चिखली व दराटी गांवों के कई घरों को बाढ की वजह से नुकसान हुआ तथा नाले में आयी बाढ में एक भैस व एक ट्रैक्टर सहित कई लोगों के घरों में रखे बर्तन व अनाज बह गये. साथ ही मोरचंदी, एकंबा, जवराला व जाम गांवों के खेत परिसर में नाले का पानी घुसने की वजह से फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ.
इसके अलावा पुसद शहर में भी बाढ का सर्वाधिक असर देखा गया. जहां पर सुभाष चौक में छाती तक पानी जमा हो गया था और कई दुकानों में पानी भर गया था. इसके साथ ही पुसद-वाशिम मार्ग पर खंडाला घाट में रात के समय मूसलाधार बारिश के चलते चट्टान खिसककर रास्ते पर आ गिरी. जिसके चलते रविवार को काफी समय तक इस रास्ते पर वाहनों की आवाजाही बंद रही. वहीं जेसीबी के जरिए रास्ते से मलबा हटाये जाने के बाद दोपहर पश्चात यह रास्ता आवाजाही के लिए खोला गया. इसके साथ ही पूस नदी में आयी बाढ का पानी पुल के उपर से बहने के चलते सुबह से ही पुसद-यवतमाल मार्ग को बंद रखा गया था.
* खेत के कुएं में अटके किसान को बचाया गया
पुसद तहसील के बोरखडी कोपरा स्थित खेत में पानी भर जाने के चलते खेत में काम कर रहा अरुण नामक किसान अपने बचाव हेतु शेड में चला गया. लेकिन शेड में भी पानी भर जाने के चलते वह झाड पर चढ गया. परंतु वह झाड टूटकर कुएं में गिर गया. जिसके साथ अरुण भी कुएं मेंजा गिरा. लेकिन नशीब अच्छा था, तो अरुण के हाथ कुएं में रहने वाला पाइप आ गया. जिसे पकडकर वह उपर चढ आया. इस समय खेत में चारो ओर पानी ही पानी भरा हुआ था. जिसके चलते अरुण वहीं पर अटक गया. इस बात की सूचना मिलते ही आपत्ति व्यवस्थापन पथक ने मौके पर पहुंचकर अरुण को पानी से भरे खेत से सुरक्षित बाहर निकाला.