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बलात्कारियों को किया जाए नपुंसक

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने उठाई मांग

* छेडछाड के आरोपियों को पिटने की सलाह भी दी
मुंबई/दि. 11 – महिलाओं के खिलाफ होनेवाले अपराधों को यदि कम करना है तो अपराधियों के मन में डर पैदा करना बेहद जरुरी है. इसके लिए महिलाओं के साथ छेडछाड करनेवाले लोगों की सरेआम पिटाई करने के साथ ही बलात्कार करनेवाले नराधमों को सीधे नपुंसक कर दिया जाना चाहिए, इस आशय का विचार राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे द्वारा व्यक्त किया गया है. महाराष्ट्र में महिला अत्याचारों की घटनाएं चिंता का विषय बन गई है. जिसे लेकर राज्यपाल बागडे ने उक्त विचार व्यक्त किए है.
गत रोज भरतपुर जिला बाल असोसिएशन के शपथविधि समारोह में हिस्सा लेते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने महिलाओं के खिलाफ होनेवाले अपराधों पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज का शासन रहते समय एक गांव के पाटिल ने एक युवती के साथ दुराचार किया था, इसकी जानकारी मिलते ही महाराज ने स्पष्ट आदेश जारी किया कि, उक्त नराधम को जान से मारने की बजाए उसके हाथ-पांव तोड दिए जाए. जिसके बाद उस आदेश पर अमल किया गया और वह नराधम व्यक्ति अपनी मृत्यु तक लुला-लंगडा ही रहा. इसी तरह की सजा अब मौजूदा दौर में भी दी जानी चाहिए. साथ ही राज्यपाल बागडे ने यह भी कहा कि, कई बार कुछ लोग किसी महिला पर अत्याचार होते समय ऐसी घटनाओं की फोटो व वीडियो निकालते है. जो कि किसी लिहाज योग्य नहीं है. यदि ऐसी कोई घटना आपके सामने घटित होती है तो उसका फोटो-वीडियो निकालने की बजाए आरोपी को पकडना चाहिए और खुद को अकेला मानकर कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए. यदि एक व्यक्ति भी हिम्मत करक आगे बढ गया तो और दो-चार लोग भी सहायता के लिए निश्चित रुप से आगे आ ही जाते है. राज्यपाल बागडे के मुताबिक जब तक महिलाओं व युवतियों के साथ छेडछाड व विनयभंग करनेवालों की सरेआम पिटाई नहीं होती तब तक ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण नहीं लगेगा. इस समय राज्यपाल बागडे ने यह भी कहा कि, हमारे देश में 12 वर्ष से कम आयु वाली किसी बच्ची के साथ लैंगिक अत्याचार या विनयभंग किए जाने पर फांसी की सजा का प्रावधान है. बावजूद इसके ऐसी घटनाएं रुक नहीं गई, ऐसे में यदि नराधमों में सजा का भय पैदा करना है तो कानून ़़के प्रभावी अमल हेतु क्या कुछ करना चाहिए इस पर अभी से सबको विचार करना होगा.

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