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‘आर्ची’ की मनमोहक अदा के कारण रवीना टंडन हुई खुश

टिपेश्वर जंगल में फिल्म अभिनेत्री को हुए मादा बाघ के दर्शन

यवतमाल/दि. 16 – अपने अभिनय से दर्शको का दिल जीतनेवाली फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन पांढरकवडा तहसील के टिपेश्वर अभयारण्य में ‘आर्ची’ मादा बाघ की अदा देखकर घायल हो गई. रवीना फिलहाल प्रचार निमित्त विदर्भ में है. प्रचार रैली में शामिल होने से पूर्व रवीना सोमवार 15 अप्रैल को टिपेश्वर जंगल सफाई के लिए गई थी.
टिपेश्वर जंगल की सम्राज्ञी आर्ची नामक मादा बाघ के दर्शन होने से रवीना की टिपेश्वर जंगल की सफारी सफल हुई. बाघ के दर्शन से वह आनंदीत हो गई. टिपेश्वर अभयारण्य में बाघ के दर्शन होते रहने से पिछले कुछ दिनो से पर्यटको की संख्या बढी है. हिंदी फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन सोमवार को अभयारण्य के सुन्ना गेट पर अपने सहयोगियों के साथ पहुंची. इसके लिए वह रविवार के रात ही टिपेश्वर के पास एक होटल में मुक्काम के लिए पहुंच गई थी. तडके सुन्ना गेट से उसने भीतर प्रवेश करते हुए उसने सफारी का आनंद लिया. टिपेश्वर अभयारण्य में आर्ची नामक मादा बाघ पिछले अनेक साल से पर्यटको को आकर्षित कर रही है. इस बाघ ने रवीना टंडन को दर्शन देते हुए काफी आकर्षित किया. सुबह के सत्र में बाघ के दर्शन होने से रवीना टंडन काफी हर्षित हो गई. सुन्ना गेट पर सहायक वनसंरक्षक विजय कोंडावार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी मंगेश बालापुरे आदि ने उसका स्वागत किया.
टिपेश्वर अभयारण्य में पर्यटन के साथ व्याघ्र दर्शन हमखास होते रहने से यहां अब सेलिब्रिटी भी आ रही है. रवीना इसके पूर्व ताडोबा आकर गई है. दो वर्ष पूर्व पुष्पा फिल्म के हिरो अल्लू अर्जून टिपेश्वर अभयारण्य में आए थे. 148 हेक्टेअर क्षेत्र में फैले टिपेश्वर अभयारण्य में उंची पहाडी, खाई, तालाब भारी मात्रा में है. इस कारण बाघ के साथ हिरण, भालू, नीलगाय, जंगली कुत्ते, मोर, उल्लू, गरुड आदि वन्यजीव व पक्षीयों का भारी मात्रा में अधिवास है. बाघ के दर्शन के लिए टिपेश्वर अभयारण्य की पहचान है. अन्य जिले व परप्रांतो से पर्यटक टिपेश्वर अभयारण्य में पर्यटन के लिए आते है. ग्रीष्मकाल के अवकाश के कारण पर्यटको की भीड बढी है.

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