विदेश में शिक्षा हेतु फंड पर अंकुश
हाईकोर्ट की सरकारी निर्णय पर मुहर
नागपुर/दि.27 – बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार के विदेश में शिक्षा हेतु फंड सीमित करने के निर्णय पर मुहर लगा दी. इस बारे में दायर जनहित याचिका खारिज कर दी. राज्य शासन राजर्षि शाहू महाराज विदेश शिक्षा छात्रवृत्ति देती है. जिसमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विदेश में पढने की सुविधा मिलती है. पहले सारा खर्च राज्य सरकार का सामाजिक न्याय विभाग वहन करता था. अब उस पर अंकुश लगाया गया है.
यह याचिका राजीव खोब्रागडे ने दायर की थी. वे प्लेटफार्म इस संगठन के सदस्य है. उन्होंने याचिका में कहा था कि, सरकार द्वारा योजना में खर्च का अंकुश लगाये जाने से गरीब विद्यार्थियों को 30-40 लाख रुपए का खर्च वहन करना पडेगा. जो वे कर नहीं सकेंगे और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे. उन्होंने कुछ शर्तों पर एतराज जताया था. कोर्ट ने उनके सभी मुद्दे खारिज कर दिये. कोर्ट ने कहा कि, सरकार ने जो किया वह सही किया. उल्लेखनीय है कि, योजना में 8 लाख रुपए वार्षिक आमदनी वाले परिवार के पिछडा वर्ग के विद्यार्थी को विश्व की 100 विद्यापीठों में पढने का अवसर मिलता है.