शरद पवार के नाम पर 93 लाख रुपयों की जालसाजी
पुलिस सिपाही को दिया गया था पवार के साथ पार्टनरशीप का झांसा
मुंबई /दि.29- राष्ट्रवादी कांग्र्रेस शरदचंद्र पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार के नाम की प्रयोग करते हुए मुंबई पुलिस में हवालदार रहने वाले विजय गायकवाड के साथ करीब 93 लाख रुपए की जालसाजी किये जाने का मामला सामने आया है. जिसके तहत एक व्यवसायी ने 57 वर्षीय विजय गायकवाड को शरद पवार का सहभाग रहने वाली दो कंपनियों के साथ पार्टनरशीप करवाने का झांसा देते हुए उसके साथ ठगबाजी की.
जानकारी के मुताबिक बोरेगांव में रहने वाले 48 वर्षीय अपूर्व जगदीश मेहता तथा वर्ष 2020 से छत्रपति शिवाजी महाराज विमानतल पर तैनात रहने वाले पुलिस हवालदार विजय गायकवाड की कई बार मुलाकात के बाद जान-पहचान हुई थी और मेहता ने गायकवाड को बताया कि, उसने शरद पवार के आदेश पर एक कंपनी शुरु की है. साथ ही मेहता ने गायकवाड को कंपनी में अपने साथ भागिदार होने का प्रस्ताव देते हुए यह भी कहा थ कि, एक कंपनी को उनकी बेटी का नाम दिया जाएगा और दूसरी कंपनी उनके बेटे के नाम पर शुरु की जाएगी. इसके साथ ही वे शरद पवार के व्यवसायिक भागिदार हो जाएंगे. लेकिन इसके लिए एक करोड रुपए की जरुरत पडेगी. ऐसे में मेहता पर विश्वास रखते हुए गायकवाड ने अपना फ्लैट बेच डाला और एलआईसी से कर्ज निकालने के साथ ही अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकाले. जिसके बाद गायकवाड ने अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने हेतु मेहता को 93 लाख रुपए दिये. लेकिन जब लंबे समय तक कोई व्यवसाय शुरु नहीं हुआ, तो गायकवाड ने इसके बारे में पूछताछ की. तब मेहता ने गायकवाड को बताया कि, पवार को तुम्हारी बेटी की कुंडली में राहू दोष दिखाई दिया है. अत: तुम दक्षिणेश्वर कालीमाता मंदिर में पूजा करवाओ. जिस पर भरोसा करते हुए गायकवाड ने दक्षिणेश्वर कालीमाता मंदिर जाकर सहपरिवार पूजा की. इसके बाद महेता ने गायकवाड को डिंडोशी कोर्ट में बुलाया और कंपनी स्थापित करने की प्रक्रिया शुरु रहने की बात करते हुए उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिये. लेकिन इसके बाद ही कंपनी शुरु नहीं हुई, तब गायकवाड के ध्यान में आया कि, मेहता ने शरद पवार का नाम लेते हुए उनके साथ जालसाजी की है. जिसके पश्चात गायकवाड ने सहार पुलिस थाना पहुंचकर मेहता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर भादंवि की धारा 406 व 420 के तहत मेहता के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है.