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विधानसभा में सत्ताधारी दल का हंगामा

पूरक मांगे चर्चा के बिना ही मंजूर

मुंबई/दि.11 – अमूमन विपक्ष द्वारा विविध मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा करते हुए सदन के कामकाज को बाधित किया जाता है. परंतु गत रोज विधानसभा में इससे उलट नजारा दिखाई दिया. जब सत्ताधारी महायुति के सदस्यों ने जमकर हंगामा करते हुए सदन के कामकाज में बाधा डाली और इसी हंगामे के बीच करीब 94 करोड रुपयों की पूरक मांगों के साथ ही स्पर्धा परीक्षा पेपर लीक प्रतिबंध एवं सार्वजनिक संपत्ति विद्रुपीकरण प्रतिबंध जैसे दो महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा के बिना ही मंजूर कर दिया गया. जबकि पेपर लीक रोकने से संबंधित विधेयक पर सार्थक चर्चा होने की पूरी उम्मीद थी.
जानकारी के मुताबिक विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के बाद सत्ताधारी दल ने मराठा आरक्षण के मुद्दें पर मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर विपक्ष की ओर से डाले गये बहिष्कार का मुद्दा उपस्थित कर जमकर हंगामा मचाया. साथ ही मराठा समाज को ओबीसी संवर्ग से आरक्षण देने के मामले पर महायुति के घटक पक्षों द्वारा अपनी भूमिका लिखित तौर पर विधानसभा अध्यक्ष को दिये जाने तक सदन का कामकाज नहीं चलने देने की घोषणा कर विपक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस समय हुए हंगामे के बीच एक मिनट के भीतर ही 94 हजार 889 करोड रुपयों की पूरक मांगों को मान्य कर लिया गया. साथ ही साथ सरकारी सेवा व अन्य स्पर्धा परीक्षा में पेपर लीक सहित अन्य गडबडियों पर प्रतिबंध लगाने हेतु, ऐसे मामले में 10 वर्ष के कारावास व 1 करोड रुपए तक के दंड की सजा का प्रावधान रहने वाले विधेयक को भी चर्चा के बिना ही मंजूरी दे दी गई.

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