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संत भानुदास महाराज ब्रह्मतत्व में विलीन

वर्धा/दि.10 – समिपस्थ वर्धमनेरी गांव में रहने वाले श्री संत भानुदासजी महाराज आज 10 अक्तूबर को सुबह 7.55 बजे ब्रह्मतत्व में विलीन हो गये. संत लहानुजी महाराज के शिष्य रहने वाले 87 वर्षीय संत भानुदास महाराज के जीवन एवं विचारों पर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का काफी अधिक प्रभाव था और उन्होंने मानव कल्याण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अध्यात्मिकता की ज्योत प्रज्वलित करने का काम किया. उनके ब्रह्मतत्व में विलीन हो जाने के चलते संत परंपरा के एक तेजस्वी दिव्यपुंज का अस्त हो गया है.
मूलत: भारवाडी गांव निवासी संत भानुदास महाराज ने आगे चलकर वर्धमनेरी को अपनी कर्मभूमि बनाया. जहां पर श्री संत भानुदास महाराज संस्था द्वारा मानवता धर्म समिति व सद्गुरु विद्यालय की स्थापना करने के साथ ही अंध, अपंग व कर्णबधिर विद्यार्थियों हेतु विशेष शाला शुरु करते हुए सभी के लिए शिक्षा के द्वार खोले गये. साथ ही उनकी प्रेरणा से कई लोगों को जीवन जीने की नई राह मिली.
संत भानुदास महाराज के ब्रह्मतत्व में विलीन हो जाने की खबर मिलते ही चहूंओर शोक की लहर व्याप्त हो गई है. वहीं अब शुक्रवार 11 अक्तूबर को दोपहर 1 बजे वर्धमनेरी स्थित संत भानुदास महाराज संस्थान के आश्रम स्थित प्रांगण में समाधी समारोह का आयोजन होगा और संत भानुदास महाराज के पार्थिव को भाविकों की उपस्थिति के बीच समाधी दी जाएगी.

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