संजय खोडके विधानपरिषद में निर्विरोध निर्वाचित
भाजपा से जोशी, केनेकर व केचे भी विधायक बने

* एकनाथ शिंदे की ओर से चंद्रकांत रघुवंशी भी विधानपरिषद में पहुंचे
* पांच रिक्त पदों के लिए केवल 5 नामांकन ही पहुंचे
* विपक्ष से एक भी नामांकन नहीं, चुनाव निर्विरोध
मुंबई/दि. 17 – महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त रहनेवाली 5 सीटों के लिए महायुति द्वारा अपने उम्मीदारों के नामों की घोषणा कर दी गई है. जिसके तहत भाजपा ने अपने कोटे में आयी 3 तथा शिंदे गुट वाली शिवसेना व अजित पवार गुट वाली राकांपा ने अपने कोटे में आयी 1-1 सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए. इसमें अजित पवार गुट वाली राकांपा ने अपने कोटे में रहनेवाली एकमात्र सीट के लिए अमरावती से वास्ता रखनेवाले राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके का नाम तय किया गया. वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना ने अपने कोटे की एक सीट के लिए चंद्रकांत रघुवंशी तथा भाजपा ने अपने कोटे से 3 सीटों के लिए नागपुर के पूर्व महापौर व सीएम फडणवीस के करीबी संदीप जोशी, भाजपा के प्रदेश महासचिव संजय केनेकर व पूर्व विधायक दादाराव केचे के नामों की घोषणा की. जिसके बाद इन सभी प्रत्याशियों द्वारा आज नामांकन दायर करने के अंतिम दिन अपने-अपने नामांकन प्रस्तुत किए गए. उधर दूसरी ओर विधान परिषद चुनाव हेतु विपक्ष में पूरी तरह से सन्नाटा व्याप्त रहा, क्योंकि विपक्ष के पास इस चुनाव को प्रभावित करनेलायक संख्याबल ही नहीं है. ऐसे में यह चुनाव पूरी तरह से एकतरफा व निर्विरोध साबित हुआ और आज नामांकन दाखिल करने के साथ ही महायुति की ओर से प्रत्याशी बनाए गए पांचों नेताओं को निर्विरोध विधायक निर्वाचित मान लिया गया.
बता दें कि, विधान परिषद के सदस्य रहनेवाले भाजपा के प्रवीण दटके, गोपीचंद पडलकर व रमेश कराड, अजित पवार गुट वाली राकांपा के राजेश विटेकर व शिंदे गुट वाली शिवसेना अमषा पडावी ने हाल ही में यह संपन्न विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेते हुए विधानसभा सदस्य के तौर पर जीत हासिल की थी. जिसके बाद इन पाचों विधायकों ने अपनी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. जिसके चलते रिक्त हुई सीटों पर सदस्यों का चयन करने हेतु निर्वाचन आयोग ने विधान परिषद चुनाव के लिए 27 मार्च की तारीख तय की थी. जिसके लिए शुरु की गई निर्वाचन प्रक्रिया के तहत नामांकन भरने की आज सोमवार 17 मार्च को अंतिम तिथि थी. ऐसे में भाजपा ने गत रोज तथा अजित पवार गुट वाली राकांपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना ने आज अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की. पश्चात सभी प्रत्याशियों ने आज नामांकन प्रस्तुत करने के अंतिम दिन अपने नामांकन पेश किए. सभी नामांकनों की जांच कल मंगलवार 18 मार्च को की जाएगी और 20 मार्च तक नामांकन वापिस लिए जा सकेगे. जिसके उपरांत जरुरत रहने पर 27 मार्च को मतदान कराया जाएगा.
* खोडके को मिलेगा साढे 5 वर्ष का कार्यकाल
बता दें कि, जुलाई 2024 में अजित पवार गुट वाली राकांपा के राजेश विटेकर विधान परिषद हेतु चुने गए थे. जिसके तुरंत बाद उन्होंने पाथरी निर्वाचन क्षेत्र से राकांपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडा और जीत भी हासिल की. विधानसभा चुनाव में 83,767 वोट हासिल कर विटेकर ने अपने नजदिकी प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश वरपुडकर को 13,244 वोटों से पराजित किया था. जिसके बाद विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेते हुए राजेश विटेकर ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में 6 वर्ष के लिए विधान परिषद हेतु निर्वाचित राजेश विटेकर महज 6 माह के लिए ही इस सदन का हिस्सा रहे. जिसके चलते अब राकांपा की ओर से विटेकर की स्थान पर विधान परिषद में भेजे जा रहे राकांपा के संजय खोडके को विधान परिषद सदस्य के तौर पर करीब साढे 5 वर्ष का कार्यकाल मिलेगा, ऐसी जानकारी राजनीतिक सूत्रों द्वारा दी गई है. वहीं भाजपा सहित शिंदे गुट के प्रत्याशियों को भी उनकी पार्टी की रिक्त सीटों पर बचे हुए शेष कार्यकाल तक काम करने का अवसर प्राप्त होगा.
* ऐसी होती है 78 सदस्यीय विधान परिषद की रचना
बता दे कि, विधानसभा की तरह विधान परिषद हर पांच साल में पूरी तरह से भंग नहीं होती, बल्कि प्रत्येक दो साल में विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा करते हुए सेवानिवृत्त होते है. 78 सदस्यीय विधान परिषद में 30 सदस्यों का चयन विधानसभा सदस्यों द्वारा किया जाता है. वहीं 22 सदस्य विभिन्न स्थानीय स्वायत्त निकायो के माध्यम से चुने जाते है. साथ ही स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 7-7 सदस्यों का चयन किया जाता है तथा 12 सीटों पर राज्यपाल द्वारा ऐसे सदस्यों को नामित किया जाता है, जो साहित्य, विज्ञान, कला, सहकार आंदोलन व सामाजिक सेवा जैसे मामलो के संबंध में विशेष ज्ञान व व्यावहारिक अनुभव रखते है.
* इस समय विधानसभा में किसकी कितनी संख्या
इस समय 78 सदस्यीय विधान परिषद में केवल 52 सदस्य है. जिसमें से 32 सदस्य सत्ताधारी महायुति से वास्ता रखते है. जिनमें भाजपा के 19, शिंदे गुट वाली शिवसेना के 6 व अजित पवार गुट वाली राकांपा के 7 सदस्यों का समावेश है. वहीं विधान परिषद में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी के मात्र 17 विधायक है. जिनमें कांग्रेस के 7, शरद पवार गुट वाली राकांपा के 3, शिवसेना उबाठा के 7 सदस्यों का समावेश है. इसके अलावा विधान परिषद में 3 निर्दलीय सदस्य भी निर्वाचित है.
* इस बार के चुनाव में महायुति की स्थिति मजबूत
बता दें कि, पिछले वर्ष नवंबर माह में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को जबरदस्त सफलता मिली थी और राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा ने सर्वाधिक 132 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं महायुति में शामिल शिंदे गुट वाली शिवसेना में 57 एवं अजित पवार गुट वाली राकांपा ने 41 सीटें जीती थी. ऐसे में विधानसभा में शानदार सदस्य संख्या रहने के चलते महायुति द्वारा विधान परिषद की पांचों सीटों पर आसानी से जीत हासिल की जा सकती है, यही वजह है कि, विपक्ष द्वारा इन पांचों सीटों का चुनाव लडने को लेकर कोई चर्चा तक नहीं की जा रही. यही वजह है कि, इस बार विधान परिषद का चुनाव पूरी तरह से निर्विरोध हो रहा है.
* रघुवंशी को साढे 3 साल व भाजपा के तीनों को 13 माह का कार्यकाल मिलेगा
बता दें कि, शिंदे गुट वाली शिवसेना से वास्ता रखनेवाले अमशा पडावी 8 जुलाई 2022 को विधान परिषद सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए थे और 24 नवंबर 2024 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. जिसके बाद उन्होंने विधानसभा हेतु निर्वाचित होने के चलते विधान परिषद की सदस्यता छोड दी. ऐसे में अमशा पडावी का करीब साढे 3 वर्षों का कार्यकाल अब भी बचा हुआ है. जिसके चलते अमशा पडावी के स्थान पर विधान परिषद में अब निर्विरोध निर्वाचित होकर पहुंचे शिंदे गुट वाली शिवसेना के चंद्रकांत रघुवंशी को विधान परिषद में साढे 3 वर्ष का कार्यकाल मिलेगा. वहीं भाजपा के कोटे से रिक्त हुई 3 सीटों पर सदस्यों का कार्यकाल महज 13 माह का शेष बचा हुआ था. ऐसे में इन 3 सीटों पर भाजपा के कोटे से निर्विरोध निर्वाचित होनेवाले विधान परिषद सदस्यों को 13 माह का ही कार्यकाल प्राप्त होगा, ऐसी जानकारी राजनीतिक सूत्रों के जरिए पता चली है.