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नौकरी के तनाव से मौत हुई तो भरपाई

उच्च न्यायालय ने परिवार के सदस्यों को दी राहत

नागपुर/ दि.13– नौकरी के तनाव के कारण किसी की मौत हो जाती हेै तो उसके परिवार को नुकसान भरपाई लेने का अधिकार है. ऐसा महत्वपूर्ण फैसला हाल ही में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सुनाया. इसी तरह का एक मामला ओरियंटल इन्श्युरन्स कंपनी ने दायर किया. उस अपील की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया गया.
यह घटना 15 सितंबर 2003 को हुई थी. सनफ्लैग कारखाने में कार्यरत टिप्पर चालक योगेश गाडवे की मौत हो गई. तडके 3 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई. उसे खुन की उल्टियां होने लगी, कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. उसकी पत्नी ने वर्कमैन कम्पन्सेशल एक्ट के तहत संबंधित आयुक्तालय में याचिका दायर की थी. आयुक्तालय ने पीडित परिवार को 2 लाख 43 हजार रुपए नुकसान भरपाई देने के आदेश दिये. इस पर इन्श्युरन्स कंपनी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. योगेश की पत्नी के अनुसार योगेश की मौत काम के तनाव के कारण हुई. वे तनाव में होने के कारण उनके शरीर और मानसिकता पर विपरित परिणाम हुआ था, ऐसे में कंपनी व्दारा दिये गए काम के दौरान मौत हुई है. परंतु काम के दौरान एक भी जख्म नहीं हुए थे, ऐसे में कंपनी ने नुकसान भरपाई देने का कोई भी कारण नहीं होने की बात कही थी. मगर दोनों ही ओर की दलीले सुनने के बाद अदालत ने योगेश के परिवार की जिरह मान्य किया और उनके हित में फैसला सुनाया. योगेश को जख्म नहीं हुए फिर भी टिप्पर चालक का काम जोखिमभरा है, ऐसे में चालक को मानसिक व शारीरिक परिश्रम करना पडता है. ऐसे में काम करते समय मौत होना याने उनका संबंध काम से नहीं, ऐसा नहीं कहा जा सकता, ऐसा फैसला अदालत ने सुनाया.

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