शालार्थ आईडी घोटाला
जांच टीम को झटका, कोर्ट ने पारधी को जमानत पर छोडा

* आधी रात को सेवानिवृत्त उपसंचालक को किया गिरफ्तार
* घपले का व्याप बढने की आशंका
* 400 बोगस आईडी तैयार कर निकाला गया कई वर्षों तक वेतन
नागपुर/दि.23-अब पूरे प्रदेश में चर्चित हो चुके शालार्थ आईडी घोटाले के सिलसिले में गठित विशेष जांच दल के लिए गुरुवार का दिन मिलाजुला रहा. मंगलवार रात दल द्वारा दबोचे गए पूर्व शिक्षा उपसंचालक अनिल पारधी को अदालत ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए. दूसरी ओर दल ने गुरुवार रात शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया है.
पारधी को अदालत ने संविधान के परिच्छेद 22 (1) में प्रदान संवैधानिक अधिकारों के आधार पर यह कहते हुए जमानत मंजूर की कि, उनके रिश्तेदारों को गिरफ्तारी के बारे में सूचित नहीं किया गया. कोर्ट में पारधी के वकील एड. दीपेन जज्ञासी ने तर्क दिया कि, किस आधार पर पारधी को गिरफ्तार किया गया इसकी सूचना परिजनों को नहीं दी गई. सत्र न्यायालय ने एड. जज्ञासी के तर्क को स्वीकार करते हुए जमानत अर्जी मान्य की. उन्हें व्यक्तिगत बाँड और जमानत राशि पर रिहा करने के आदेश सत्र न्यायालय ने दिए, किंतु कागजी कार्रवाई पूर्ण करने पर विलंब होने से पारधी को एक रात और हवालात में बितानी पडी. दूसरी ओर लक्ष्मण मंघाम को 26 मई तक एसआईटी की कस्टडी में रखने के आदेश अदालत ने दिए.
कोर्ट ने विशेष जांच दल के पारधी की पांच दिनों की हिरासत का अनुरोध दोनो पक्षों के तर्क बाद ठुकरा दिया. अभियोजन पक्ष ने कहाव कि, पारधी का 86 बोगस शालार्थ आईडी बनाने में रोल रहा है. इसी आधार पर मंघाम ने अध्यापकों की कथित रूप से भारी रिश्वत लेकर नियुक्तियां की थी. पारधी इस मामले में पकडे गए दूसरे पूर्व उच्चाधिकारी हैं. इससे पहले उल्हास नारद को भी पकडा गया था. नारद फिलहाल जमानत पर है. हालांकि, उन्हें पंद्रह दिनों तक हिरासत में रखा गया था.