शालार्थ आईडी घोटाला

900 से अधिक शिक्षकों का वेतन रोका

* वेतन विभाग अधीक्षक कार्यालय की बडी कार्रवाई
* 397 स्कूलों की जांच जारी
नागपुर/दि.27-शालार्थ आईटी घोटाले के मामले में वेतन विभाग अधीक्षक कार्यालय द्वारा की जा रही कार्रवाई घोटालेबाज स्कूलों और शिक्षकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. फर्जी शालार्थ आईडी के जरिये शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच विभिन्न स्तरों पर जारी है. अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों और शिक्षकों को भी जांच के दायरे में लेना शुरु कर दिया है. नागपुर वेतन पथक अधीक्षक कार्यालय द्वारा 397 स्कूलों की जांच शुरु की गई है, और संदिग्ध नियुक्ति वाले 900 से अधिक शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है.
फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले की जांच के लिए नागपुर पुलिस ने एसआईटी गठित की है. एसआईटी ने जांच तेज कर दी है और अब तक कई वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें तत्कालीन विभागीय शिक्षण उपसंचालक अनिल पारधी, चिंतामण वंजारी, उल्हास नरड, और वैशाली जामदार शामिल हैं. कुछ को जमानत मिल चुकी है जबकि सेवानिवृत्त उपसंचालक सतीश मेंढे जांच के घेरे में हैं. अन्य शिक्षा अधिकारियों की भी पूछताछ जारी है. इधर, शिक्षा विभाग ने भी 397 स्कूलों की विस्तृत जांच शुरू की है. पुणे में जांच अधिकारी तैनात हैं और संबंधित स्कूलों की सभी फाइलें मंगाई गई हैं. प्रत्येक स्कूल का विस्तृत रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. मार्च और अप्रैल महीने के वेतन में से 900 से अधिक शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है.
* मार्च और अप्रैल का वेतन रोका
इस घोटाले में शामिल शिक्षकों के नाम हटाकर बाकी कर्मचारियों का वेतन प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 41 स्कूलों ने पूरे स्टाफ का वेतन प्रस्ताव भेज दिया. इसके चलते उन सभी स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों का मार्च और अप्रैल का वेतन रोक दिया गया था. बाद में त्रुटियां सुधारने पर कुछ स्कूलों के वेतन बिलों को मंजूरी दी गई.
मामले की जांच जारी है
करीब 3200 शिक्षकों का वेतन हर माह निकाला जाता है. फर्जी शालार्थ आईडी मामले में जांच जारी है. 2300 शिक्षकों के वेतन को मंजूरी दी गई है, जबकि 900 से अधिक शिक्षकों के वेतन को रोका गया है.
– गौतम गेडाम,
वेतन पथक अधीक्षक, नागपुर

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