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‘लाडली बहनों’ की संवेदनशील जानकारी ‘वायरल’

मुंबई /दि.20- ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ योजना हेतु लाभार्थी महिलाओं से उनके मोबाइल क्रमांक, पता व बैंक खाते का ब्यौरा जैसी संवेदनशील जाकारी आवेदन के तहत भरकर ली गई है. परंतु पालघर जिले में ‘लाडली बहन’ हेतु पात्र 11 हजार 172 महिलाओं की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने की जानकारी है. हालांकि प्रशासन द्वारा दावा किया गया है कि, इस वायरल जानकारी में मोबाइल क्रमांक व आधार क्रमांक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पूरे राज्य में ऐसी संवेदनशील जानकारी के लीक हो जाने की संभावना के चलते लाभार्थी महिलाओं में भय का वातावरण है.
बता दें कि, राज्य में जुलाई माह से ‘लाडली बहन’ योजना हेतु आवेदन भरने की शुरुआत हुई. यह जानकारी गोपनीय रहेगी, ऐसी सभी लाभार्थियों को उम्मीद थी. परंतु पालघर में आधार क्रमांक के साथ लिंक नहीं रहने वाले बैंक खाते रखने वाली 11 हजार 172 महिलाओं का ब्यौरा विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. इस लापरवाही हेतु जिम्मेदार रहने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की मांग महिलाओं द्वारा की जा रही है. परंतु सोशल मीडिया पर वायरल सूची में आधार क्रमांक व बैंक खाता क्रमांक नहीं रहने के चलते कोई खतरा नहीं रहने का दावा प्रशासन द्वारा किया गया है.
योजना के आवेदन अंगणवाडी सेेविका, ग्रामसेवक सहित अन्य अधिकारियों तक पहुंचाते समय गलती से प्रसारित हुए होंगे. जिसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी बात होने की जानकारी पालघर जिला परिषद के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण भावसार द्वारा दी गई है. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, इस तरह से जानकारी का प्रसारित होना महिलाओं के लिए काफी हद तक असुरक्षित है. अत: प्रशासन ने इसे लेकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए. वहीं दूसरी ओर पालघर जिला परिषद के महिला व बालकल्याण अधिकारी मल्लीनाथ कांबले ने बताया कि, इस संदर्भ में जिलाधीश तक जानकारी पहुंचायी जा चुकी है तथा जल्द ही अगला निर्णय लिया जाएगा. यदि वायरल सूची में आधार व बैंक की भी जानकारी रही होती, तो यह और अधिक खतरनाक हो सकता था. परंतु मोबाइल क्रमांक व पते की जानकारी लिक होना भी कम खरतनाक नहीं है. अत: इसकी जांच करते हुए योग्य कार्रवाई की जाएगी.

* क्या है खतरा?
– इन दिनों साइबर अपराध काफी अधिक बढ गये है. ऐसे में संवेदनशील जानकारी का प्रयोग कर महिलाओं के साथ जालसाजी होने की संभावना है.
– मोबाइल पर सतत फोन व मैसेज करते हुए महिलाओं को मानसिक रुप से तकलीफ दी जा सकती है.
– कई मोबाइल क्रमांक बैंक खातों से जुडे हुए है. जिसके चलते हैकींग होेने का खतरा है.
– घर का पता सहज उपलब्ध हो जाने के चलते अंजान व्यक्तियों द्वारा किसी भी तरह की गडबडी किये जाने की संभावना रहती है.

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