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शरद पवार ने घोला समाज में जातिवाद का जहर

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने लगाया आरोप

* राकांपा के जन्म से ही तोडफोड वाली राजनीति शुरु रहने की बात कही
नागपुर /दि.24- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जन्म से ही राज्य में तोडफोड वाली राजनीति के साथ ही जातिवाद की राजनीति शुरु हुई और राकांपा की स्थापना करने वाले शरद पवार ने ही समाज में अलग-अलग जातियों के बीच जहर घोलने का काम किया. इस आशय का आरोप महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने लगाया.
आज सुबह स्थानीय रवि भवन में मनसे पदाधिकारियों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद राज ठाकरे ने एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही मौजूदा सरकार सहित महाविकास आघाडी तथा विशेष तौर पर राकांपा प्रमुख शरद पवार की जमकर आलोचना की. राज ठाकरे ने कहा कि, राज्य में तोडफोड वाली राजनीति की शुरुआत शरद पवार ने पुलोद की स्थापना के समय से ही करना शुरु कर दिया था. जिसके तहत गणेश नाइक, नारायण राणे व छगन भुजबल जैसे कई नेताओं को उनकी मूल पार्टी से तोडकर अलग किया गया. इसके साथ ही समाज में जातिवाद का जहर घोलने का काम भी शरद पवार ने ही किया. सन 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई थी. उससे पहले महाराष्ट्र में कभी भी महापुरुषों व संतों का जात-पात में विभाजन नहीं हुआ था. लेकिन वर्ष 1999 के बाद ऐसा भी होना शुरु हो गया है.
इसके साथ ही राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, विगत 5 वर्षों के दौरान राज्य में जिस तरह का राजनीतिक खेल हुआ है, उससे लोग त्रस्त हो गये है. परंतु लोकसभा में 400 पार की घोषणा और संविधान बदलने की भाषा की वजह से मुस्लिम एवं दलित समाज ने एक गठ्ठा पद्धति से वोट किया. यह मतदान भले ही मोदी व शाह की जोडी के खिलाफ था, परंतु वह उद्धव ठाकरे व शरद पवार के लिए नहीं था साथ ही अब व लहर चली गई है. जिसके चलते विधानसभा में अलग दृष्य दिखाई देगा. क्योंकि 5 वर्ष पहले मतदाताओं के साथ जिस तरह की प्रताडना हुई. उसे लोग भुले नहीं है और उसका गुस्सा मतदाताओं द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित ही निकाला जाएगा. क्योंकि इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह का घालमेल चल रहा है. ऐसा विगत 50 वर्षों में कभी नहीं हुआ. इस बात को मतदाता कभी भुलेंगे भी नहीं.
इसके अलावा इस पत्रवार्ता में राज ठाकरे ने बदलापुर की घटना को लेकर सरकार व विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, बदलापुर की घटना हकीकत में मनसे के कार्यकर्ताओं ने सामने लायी थी. जिसके बाद एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आने लगी. इससे यह साबित होता है कि, भले ही विगत कुछ वर्षों के दौरान अलग-अलग दलों की सरकारों ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई तरह की योजनाएं लाते हुए करोडों रुपए खर्च किये है. लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं के अत्याचारों की घटनाओं में कोई कमी नहीं आयी है. यह सत्ताधारियों सहित विपक्षी दलों के लिए शर्म वाली बात है. ऐसे में सरकार ने पुलिस को थोडा खुला हाथ देना चाहिए. ताकि अपराध व अपराधियों का समुल उच्चाटन करना चाहिए.
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल पर राज ठाकरे ने कहा कि, उनकी पार्टी ने वर्ष 2009 में राज्य की 225 सीटों पर चुनाव लडा था और इस बार भी कम से कम उतनी ही सीटों पर प्रत्याशी खडे करने का उनका प्रयास है. साथ ही वरली विधानसभा क्षेत्र में मनसे समर्थक 37 से 38 हजार मतदाता है. यहां पिछली बार पार्टी ने प्रत्याशी खडा नहीं किया था. परंतु इस बार वरली निर्वाचन क्षेत्र से भी मनसे द्वारा अपना प्रत्याशी खडा किया जाएगा. बता दें कि, पिछली वरली निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने चुनाव जीता था.

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