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राजनीति से रिटायरमेंट लेंगे शरद पवार

भाषण के जरिए दिया संकेत, अब राज्यसभा में भी नहीं जाने की बात कही

बारामती/दि.5 – विगत लंबे समय से वयोवृद्ध हो चुके नेता शरद पवार के राजनीतिक रिटायरमेंट की चर्चाएं चल रही है. लेकिन हर बार शरद पवार खुद को राजनीति में जबर्दस्त तरीके से सक्रिय करते हुए ऐसी चर्चाओं पर विराम लगाते आये है. परंतु अब खुद शरद पवार ने बारामती में युगेंद्र पवार की प्रचारसभा में भाषण देते हुए अपने राजनीतिक रिटायरमेंट के बारे में संकेत दिये है. जिसमें उन्होेंने कहा है कि, वे अब राज्यसभा में भी नहीं जाएंगे और राजनीति से निवृत्त होने के बाद भी सामाजिक कार्य करते रहेंगे.
ज्ञात रहे कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट पडने से महज एक माह पहले ही शरद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. लेकिन राकांपा के सभी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का आग्रह रहने के चलते उन्होंने अपना इस्तीफा वापिस ले लिया था. जिसके तुरंत बाद पार्टी में फुट पड गई और अजीत पवार गुट वाली राकांपा राज्य की सत्ताधारी महायुति मेें शामिल हो गई. उस समय भी शरद पवार के इस्तीफें व सेवानिवृत्ति को लेकर जबर्दस्त चर्चाएं चल रही थी और अब शरद पवार ने खुद अपनी सेवानिवृत्ति को लेकर संकेत दिये है.
बारामती में आयोजित प्रचारसभा में शरद पवार ने कहा कि, उन्होंने 55 वर्ष पहले राजनीति में सक्रिय होकर महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में काम करना शुरु किया था और सन 1967 में उस समय के मतदाताओं ने उन्हें विधायक चुना था. उस समय के कुछ लोग आज भी इस प्रचार सभा में मौजूद है. साथ ही आज के कई मतदाताओं का उस समय जन्म भी नहीं हुआ था. आम मतदाताओं के समर्थन से वे विधायक बनने के साथ ही राज्यमंत्री, मंत्री व मुख्यमंत्री बने. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षा एवं कृषि मंत्रालय का भी जिम्मा संभाला. जिसके बाद उन्होंने करीब 30 वर्ष पहले लोकसभा का चुनाव नहीं लडने का निर्णय लिया था, ताकि नई पीढी को मौका मिले और उन्होंने अपने भतीजे अजीत पवार को आगे लाया. जिन्होंने अगले 30 वर्षों तक बारामती का जिम्मा संभाला. ऐसे में अब वक्त आ गया है कि, अगले 30 वर्षों के लिए नया नेतृत्व तैयार करने का नियोजन किया जाये. इसके अलावा शरद पवार ने यह भी कहा कि, राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका डेढ वर्ष का कार्यकाल अब भी बाकी है और इसके बाद दोबारा राज्यसभा में जाना है अथवा नहीं, वे इस पर विचार करेंगे. क्योंकि वे अब तक 14 बार चुनाव लड चुके है और अब उन्हें महसूस होता है कि, अब कही न कही रुकना चाहिए. ऐसे में वे राजनीति से अलग होकर सामाजिक कार्यों की ओर ध्यान देना शुरु करेंगे.

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