शिंदे व अजीत दादा को मेरे बोलने का बुरा नहीं लगता
अपने सहयोगियों को लेकर बोले सीएम फडणवीस

मुंबई /दि.29- राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हमेशा अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते है और विकास संबंधि मामलों सहित विपक्ष पर निशाना साधने हेतु अपनी विशिष्ट शैली का प्रयोग करते है. वहीं अब सीएम फडणवीस के एक बयान की चर्चा हो रही है. एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त कर रहे सीएम फडणवीस से जब उनके सहयोगियों के बारे में सवाल पूछा गया और जानना चाहा गया कि, एकनाथ शिंदे व अजीत पवार में से कौन अच्छी तरह व्यक्त होता है और बेहतर संवाद साधता है, तो सीएम फडणवीस ने तपाक से कहा कि, वे दोनों ही संवाद साधने में अच्छे नहीं है और उम्मीद है कि, उन दोनों को उनके इस बयान का बुरा भी नहीं लगेगा. क्योंकि वे दोनों उनकी किसी भी बात का कभी भी बुरा नहीं मानते.
इस कार्यक्रम में सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, विगत 35 माह के दौरान भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने तथा उनके पिछले कार्यकाल की योजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. साथ ही सीएम फडणवीस ने लव-जिहाद पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, वे अंतरजातिय व अंतरधर्मिय विवाह के खिलाफ नहीं है. लेकिन जब किसी व्यक्ति द्वारा अपनी असली पहचान छुपाकर या जालसाजी करते हुए किसी युवती से विवाह किया जाता है और उसका सोशन किया जाता है तब मामला गंभीर हो जाता है. लव-जिहाद को एक हकीकत बताते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि, प्रत्येक मामले में चिंता करने की जरुरत नहीं होती परंतु कुछ जिलो में चल रहा पैटर्न वाकई चिंताजनक है. जिस पर बात होनी ही चाहिए.
* फडणवीस ने की शरद पवार की तारीफ, संजय राऊत भडके
इस कार्यक्रम में सीएम फडणवीस ने राकांपा नेता शरद पवार की जमकर तारीफ की और शरद पवार के कामकाज की पद्धति को लेकर खुलकर सराहना की. जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना उबाठा गुट के नेता सांसद संजय राऊत ने कहा कि, इतने वर्षों के बाद देवेंद्र फडणवीस को शरद पवार के अच्छे गुण दिखाई दिए, इसके लिए फडणवीस के प्रति आभार ज्ञापित करना चाहिए. साथ ही फडणवीस ने पवार की प्रशंसा करने के लिए निश्चित तौर पर दिल्ली की अनुमति तो ली ही होगी. इसके अलावा संजय राऊत ने यह तंज भी कंसा कि, फडणवीस ने कल-परसों छगन भुजबल की प्रशंसा की थी. आज वे शरद पवार की प्रशंसा कर रहे है और आगे चलकर नवाब मलिक की भी तारीफ कर सकते है. क्योंकि भाजपा कब किसे अपने निशाने पर लेगी और किसकी प्रशंसा करेगी इसका कोई भरोसा नहीं है.