डेप्यूटी सीएम पद को लेकर शिंदे की नहीं थी कोई नाराजगी
सीएम बनने के बाद पहले साक्षात्कार में बोले फडणवीस
* खुद को बेस्ट सीएम पद की रेस से बताया बाहर
* जनता के लिए बेहतर काम करने की बात कही
मुंबई/दि.6 – ‘मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर न बना लेना, मैं समंदर हूं लौटकर जरुर आउंगा’ कहने वाले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद हासिल किया है और सीएम पद की शपथ लेने के बाद एक जरुरतमंद मरीज को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दिये जाने से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर करते हुए अपने नये कार्यकाल का प्रारंभ किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के तौर पर मीडिया को अपना पहला साक्षात्कार देते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, वे खुद को बेस्ट सीएम साबित करने की किसी रेस में शामिल नहीं करने वाले है, बल्कि जनता के लिए बेहतर काम करने का प्रयास जरुर करेंगे.
इसी साक्षात्कार में जब सीएम फडणवीस का ध्यान इस बात की ओर दिलाया गया कि, उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद को ज्यादा बेहतर मुख्यमंत्री दर्शाने का प्रयास कर रहे थे और नई सरकार में डेप्यूटी सीएम का पद मिलने की वजह से शिंदे कुछ हद तक नाराज भी थे. तो नवनियुक्त सीएम देवेंद्र फडणवीस ने साफ तौर पर कहा कि, विगत ढाई वर्षोें के दौरान महायुति में शामिल घटक दलों के तीनों नेताओं ने एक टीम के तौर पर साथ मिलकर काम किया और एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के तौर पर वाकई शानदार काम किया है. साथ ही उनके किसी सहयोगी द्वारा यदि लोगों के दिल में जगह बनाई जाती है, तो उन्हें इसका निश्चित तौर पर आनंद भी है. साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा है कि, शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने हेतु बिल्कुल तैयार नहीं थे, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. एक बार मुख्यमंत्री रह चुकने के बाद वे खुद भी उपमुख्यमंत्री बनने के लिए एकदम से तैयार नहीं हुए थे. लेकिन कभी-कभी पार्टी चलाने के लिए ऐसे कुछ निर्णय भी लेने होते है.
* विरोधियों को माफ कर जताया आभार
इस साक्षात्कार में नवनियुक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, वे अपने विरोधियों के प्रति बेहद आभारी है. क्योंकि जिस तरह से विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाया. वह बात राज्य की जनता को पसंद नहीं आयी और जनता ने विरोधियों को अपना जवाब दे दिया है. साथ ही खुद उन्होंने भी अपने विरोधियों को दिल से माफ कर दिया है और यहीं उनका बदला लेने का तरीका है. इस समय मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि, वे बदले की नहीं, बल्कि बदलाव की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री बने है और विगत 10 वर्षों के दौरान अपनी जिम्मेदारियों को लेकर ज्यादा गंभीर भी हुए है.
* हिंदुत्व के मुद्दे व योजनाओं का हुआ लाभ
नवनियुक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस साक्षात्कार में यह स्वीकार किया कि, इस चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे का निश्चित तौर पर परिणाम हुआ. जिसके चलते वोटों का धुव्रीकरण हुआ. महाविकास आघाडी ने सज्जाद मेमानी के साथ बाकायदा करार करते हुए दंगो के आरोपियों पर दर्ज मामले पीछे लेने की मांग को मान्य किया था तथा हिंदू समाज को दबाने का प्रयास भी कांग्रेस द्वारा किया गया. जिसका निश्चित तौर पर हिंदू समाज के वोटों का धुव्रीकरण हुआ. हिंदुत्व को एक विकासवादी विचार बताते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि, कुछ लोग इसे बेहद संकुचित दृष्टिकोण से देखते है. लेकिन असल हिंदुत्व क्या है. यह पीएम मोदी ने बता दिया है.
* किसे मिलेगा गृह मंत्रालय?
गृह मंत्रालय को लेकर ही भाजपा व शिंदे गुट के बीच विगत कुछ दिनों से सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा हुआ था. जिसके बारे में पूछे गये सवाल पर सीएम फडणवीस का कहना रहा कि, महायुति में 3 प्रमुख दल शामिल है और तीनों दलों को योग्य सम्मान दिया गया है. साथ ही मंत्रालयों व विभागों का बंटवारा भी सम्मानजनक तरीके से ही होगा. इस समय गृह मंत्रालय किसके पास रहेगा, यह सवाल पूछे जाने पर सीएम फडणवीस ने स्मीत हास्य करते हुए कहा कि, फिलहाल इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है और निर्णय होते ही इसकी जानकारी दी जाएगी.
* शीतसत्र से पहले मंत्रिमंडल का पहला विस्तार
– महायुति में लॉबिंग व फिल्डिंग हुई तेज
– अजीत पवार की तटकरे व पटेल के साथ हुई बैठक
उल्लेखनीय है कि, आगामी 16 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का प्रारंभ होगा. ऐसे में शीतसत्र से पहले 11 अथवा 12 दिसंबर को राज्य मंत्रिमंडल का पहला विस्तार होने की संभावना है. जिसके चलते महायुति में अब लॉबिंग व फिल्डिंग का दौर तेज हो गया है तथा कल महायुति के नेताओं की एक बैठक भी बुलाई गई है. वहीं इससे पहले राज्य के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री व राकांपा नेता अजीत पवार की अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सांसद प्रफुल्ल पटेल व प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे के साथ करीब 1 घंटे तक बैठक चली. ऐसे में अब सभी की निगाहे इस बात की ओर टिकी हुई है कि, राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में महायुति के किस घटक दल के हिस्से में कौनसा मंत्रालय आता है.
* शिंदे गुट ने जतायी योग्य मंत्री पद मिलने की उम्मीद
– विधायक सामंत ने शिंदे द्वारा अंतिम निर्णय लिये जाने की बात कही
वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट के विधायक उदय सामंत ने विश्वास जताया कि, महायुति की नई सरकार में शिंदे गुट को योग्य एवं सम्मानजनक मंत्री पद मिलेंगे. साथ ही किसे कौन सा मंत्री पद देना है, इसका निर्णय पार्टी के नेता एकनाथ शिंदे द्वारा दिया जाएगा. साथ ही विधायक सामंत ने यह भी कहा कि, नई सरकार के गठन को लेकर एकनाथ शिंदे बिल्कुल भी नाराज नहीं है. बल्कि उन्होंने खुद विगत 5 दिनों के दौरान दो बार पत्रवार्ता लेते हुए स्पष्ट किया था कि, भाजपा सीएम पद के लिए जिस किसी नाम को आगे किया जाएगा. उस नाम व चेहरे का शिंदे गुट द्वारा समर्थन किया जाएगा. ऐसे में नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं उठता. उलटे विपक्ष द्वारा बेवजह ही इस तरह की खबरे फैलाई जा रही है.