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श्रद्धा वालकर के पिता का हार्ट अटैक से निधन

बेटी के अस्थि-विसर्जन की इच्छा अधूरी रह गई

मुंबई/दि. 10 – पूरे देश को झकझोर देने वाले श्रद्धा वालकर हत्याकांड में मृतक श्रद्धा के पिता विकास वालकर का रविवार सुबह वसई में हृदय गति रुकने से निधन हो गया. वसई की श्रद्धा वालकर (28) आफताब पूनावाला के साथ दिल्ली में रह रही थीं. मई 2022 में आफताब ने उनकी हत्या कर शरीर के 35 टुकड़े करके फ्रिज में रख दिए थे. बाद में उसने ये टुकड़े गुरुग्राम के जंगल में फेंक दिए थे. जब 14 नवंबर 2022 को यह मामला सामने आया, तो पूरे देश में सनसनी मच गई थी. वसई में रहने वाले श्रद्धा के पिता विकास वालकर पिछले तीन साल से इस मामले में न्याय के लिए संघर्ष कर रहे थे. रविवार सुबह उन्हें दिल का गंभीर दौरा पड़ा. तुरंत उन्हें वसई के बंगली स्थित कार्डिनल ग्रेसियस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वह वसई के संस्कृति अपार्टमेंट में रहते थे. रविवार शाम वसई की श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
* अंतिम इच्छा रह गई अधूरी
जंगल में फेंके गए श्रद्धा के शरीर के 13 टुकड़े दिल्ली पुलिस को मिले थे. श्रद्धा का विधिवत अंतिम संस्कार करने की इच्छा से विकास वालकर लगातार दिल्ली पुलिस से अवशेषों की मांग कर रहे थे और इसके लिए बार-बार दिल्ली जा रहे थे.
* बेटी के अवशेष न मिलने से थे दुखी
देशभर में इस हत्याकांड को लेकर प्रदर्शन भी हुआ था. मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने के बावजूद तकनीकी कारणों से फैसला अब तक नहीं आया. इस देरी के कारण श्रद्धा के शरीर के अवशेष उन्हें नहीं मिल सके, जिसका उन्हें बहुत दुख था. विकास का मानना था कि जिस तरह निर्भया के सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को फांसी दी गई थी, उसी तरह श्रद्धा हत्याकांड में भी दोषी को सख्त सजा मिलनी चाहिए. लेकिन अंत तक उन्हें श्रद्धा के शरीर के अवशेष नहीं मिले. उन्होंने दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल पर बैठने की भी चेतावनी दी थी, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया.
* श्रद्धा वालकर चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया
श्रद्धा की हत्या के बाद लड़कियों में जागरूकता लाने के लिए विकास वालकर ने श्रद्धा वालकर चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी. 18 अगस्त 2024 को वसई में इस ट्रस्ट का शुभारंभ हुआ था. उक्त कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया और श्रद्धा हत्याकांड में न्याय के लिए लड़ रहीं वकील एडवोकेट सीमा कुशवाह भी मौजूद थीं. इस ट्रस्ट के माध्यम से विकास सामाजिक कार्य, महिलाओं में जागरूकता फैलाने, काउंसलिंग और कानूनी सहायता देने के लिए काम कर रहे थे. लेकिन अब उनके निधन के बाद इस ट्रस्ट का भविष्य अनिश्चित हो गया है.
* कोर्ट में केस फाइनल होने के मोड़ पर
सूत्रों के मुताबिक, केस में अब तक कोर्ट के अंदर तमाम गवाहियां लगभग फाइनल होने के मोड़ पर हैं. जिस तरह आरोपी का कबूलनामा, फरेंसिक साक्ष्य व अन्य दस्तावेज कोर्ट के सामने हैं, मुमकिन है कि जल्द इस केस का फैसला सबके सामने होगा. जनवरी 2023 में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. 9 मई 2023 को चार्ज फ्रेम हुआ. जून 2023 से श्रद्धा केस के मुकदमे की सुनवाई साकेत कोर्ट में शुरू हुई. इस केस में 200 से अधिक गवाह हैं, उनमें से अभी तक 150 के आसपास गवाहों की गवाहियां पूरी हो चुकी हैं. बाकी का प्रॉसेस चालू है.
* कोर्ट में जमा हैं श्रद्धा की हड्डियां
सूत्र ने कहा कि जिस तरह श्रद्धा के शव के अलग-अलग हड्डियों के पीस मिले थे. उन सभी का डीएनए हुआ, जो मैच किए. वे सभी बॉक्स में है. वह फाइनल हियरिंग तक केस प्रॉपर्टी हैं. यही वजह है कि महरौली के मालखाने में एक बॉक्स के अंदर श्रद्धा के शव की हड्डियों के टुकड़े रखे हैं. यह अवशेष ही ‘शेष’ हैं, जिनका अंतिम संस्कार होना है. सूत्र ने बताया कि कई बार ऐसे मौके आए, जब साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बॉक्स को कोर्ट में पेश करना पड़ा. कानूनी पेचीदगियों की वजह से यह बॉक्स रखा हुआ है.
* नवंबर 2022 में हुआ था खुलासा
श्रद्धा मर्डर केस का खुलासा 12 नवंबर 2022 को हुआ था. जब महरौली इलाके से आफताब पूनावाला पकड़ा गया. आफताब की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि श्रद्धा का 18 मई 2022 को ही उसने मर्डर कर दिया था. मगर उसकी बात पर पुलिस को यकीन नहीं था. श्रद्धा की लाश के टुकड़े कर उन्हें महरौली के किराए के घर में फ्रिज में रख दिया था. फिर अगले तीन महीनों तक वो उन टुकड़ों को फ्रिज से निकाल कर महरौली के जंगलों में फेंकता रहा. लिहाजा पुलिस को केस में साक्ष्य के तौर पर श्रद्धा की चंद हड्डियां ही मिली थीं. डीएनए टेस्ट से ये साबित हो गया था कि हड्डियां श्रद्धा की ही हैं. सूत्रों का कहना है, श्रद्धा मर्डर में डीएनए मैच, फरेंसिक रिपोर्ट और ‘डिजिटल साक्ष्य’ अहम हैं. क्योंकि 18 मई को हत्या के बाद भी श्रद्धा का मोबाइल एक-दो दिन तक एक्टिवेटेड था. हत्या के बाद श्रद्धा के इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य अकाउंट ऑपरेट हो रहे थे, जिनका पासवर्ड आरोपी आफताब पूनावाला के पास ही था.

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